मुंबई: शिवसेना ने बृहस्पतिवार को केंद्र से चीनी जल क्षेत्र में फंसे 39 भारतीय नाविकों को वापस लाने का आग्रह किया। पार्टी प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर यह आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार से समर्थन ना मिलने के कारण 39 नाविकों को उनके भाग्य पर छोड़ दिया गया है और उनके परिवार वाले उनकी वापसी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। नाविकों के परिवार दर-दर भटक रहे हैं और कोई भी उनकी मदद नहीं कर रहा है, उनमें से कई नाविक महाराष्ट्र के हैं।”
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गौरतलब है कि 39 भारतीयों सहित दो मालवाहक जहाजों-एमवी अनास्तासिया और एमवी जग आनंद चीनी जल क्षेत्र में फंस गए हैं क्योंकि उन्हें वहां अपना सामान उतारने की अनुमति नहीं थी। चतुर्वेदी ने पत्र में कहा, ‘‘यह गतिरोध व्यापार युद्ध के कारण आया है और दोनों जहाज चीनी बंदरगाहों पर लंगर डालने के लिए मजबूर हैं। जहाजों को चीनी अधिकारियों ने अपने माल को उतारने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था और चालक दल को राहत देने के लिए अन्य नाविकों को भेजने की अनुमति भी नहीं थी।”
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उन्होंने कहा कि एमवी अनास्तासिया को चीन के बोहाई सागर में रोका गया है, वहीं एमवी जग आनंद जिंगतांग के बंदरगाह पर लंगर डाले हुए है । चतुर्वेदी ने कहा कि देशों के बीच व्यापारिक विवाद नए नहीं हैं और ऐसे मामलों में नागरिकों को 'बलि का बकरा' नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने कहा, ‘‘इस गतिरोध को जल्द से जल्द हल करके नाविकों को घर वापस लाया जाना चाहिए।”
इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था कि चालक दल के सदस्य गंभीर तनाव का सामना कर रहे हैं। मालवाहक पोत ‘एमवी जग आनंद' चीन के हुबेई प्रांत के जिंगतांग बंदरगाह के पास 13 जून से खड़ा है और इस पर 23 भारतीय नाविक सवार हैं।
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एक अन्य पोत ‘एमवी अनस्तासिया' चीन के काओफीदियान बंदरगाह के पास माल उतारने के इंतजार में 20 सितंबर से खड़ा है जिस पर चालक दल के रूप में 16 भारतीय सवार हैं। श्रीवास्तव ने कहा कि बीजिंग स्थित हमारा दूतावास चीन के प्रांतीय और केंद्रीय अधिकारियों के लगातार संपर्क में है और पोत को लंगर डालने या चालक दल को बदलने की अनुमति देने का आग्रह कर रहा है।