भोपाल: भारतीय जनता युवा मोर्चा की एक पत्रिका में देश प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को लालची बताए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है। भोपाल में मंगलवार को भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा आयोजित 'मेरे दीनदयाल अंतर्राष्ट्रीय सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता' कार्यक्रम में पूछे गए सवाल और वितरित पत्रिका में पंडित जवाहरलाल नेहरू को 'लालची' बताए जाने पर यह विवाद खड़ा हुआ है। कांग्रेस ने भाजपा से देश की आजादी में पंडित दीन दया उपाध्याय और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के योगदान का ब्यौरा मांगा है। राजधानी सहित प्रदेशभर में भाजयुमो ने मंगलवार को सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता आयोजित की। इस प्रतियोगिता के प्रश्नपत्र में ज्यादातर सवाल राज्य की भाजपा सरकार से जुड़े हुए थे, वहीं 'आपातकाल किसने लगाया?' जैसा सवाल भी था। इस मौके पर एक पुस्तिका 'मेरे दीनदयाल' वितरित की गई।
इस पुस्तिका में एक तरफ सवालों के जरिए कांग्रेस को घेरा गया, तो दूसरी ओर पंडित नेहरू को 'लालची' बताया गया। इससे कांग्रेस भड़क उठी। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा, "भाजपा को भी यह पता है कि पंडित नेहरू ने इस देश के लिए क्या किया, आजादी की लड़ाई में कई बार जेल गए। भाजपा जानबूझकर आजादी के सेनानियों के नाम मिटाने पर तुली है।"
उन्होंने कहा, "आजादी के आंदोलन में कांग्रेस के नेताओं के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। हां, भाजपा भी यह बताए कि पंडित उपाध्याय ने आजादी के आंदोलन में क्या किया, कोई उनका इतिहास हो तो उसे सामने लाए।" आयोजन में वितरित की गई पुस्तक में एक स्थान पर लिखा है, "पंडित उपाध्याय का स्पष्ट मत था कि भारत माता को खंडित किए बिना भी भारत की आजादी प्राप्त की जा सकती थी और भारत माता को परम वैभव तक पहुंचाने में हम अधिक तीव्र गति से सफल हो सकते थे, किंतु पंडित नेहरू और जिन्ना के सत्ता के लालच और अंग्रेजों की चाल में आ जाने से भारतवासियों का यह सपना पूर्ण नहीं हुआ और खंडित भारत को आजादी मिली।"
भाजयुमो की मध्य प्रदेश इकाई ने बाद में कहा कि यह छपाई में हुई गलती थी और ‘‘सत्ता का लालच’’ शब्द का इस्तेमाल नेहरू के लिए नहीं बल्कि जिन्ना के लिए किया गया था। भाजपा का दावा है कि इस प्रतियोगिता में 30 लाख से ज्यादा युवाओं ने हिस्सा लिया। भोपाल के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित अनेक नेता मौजूद थे, वहीं प्रमुख स्थानों के कार्यक्रम में राष्ट्रीय नेताओं की मौजूदगी रही।