अहमदाबाद: बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने आज कहा कि उनकी पार्टी इस बार गुजरात विधानसभा चुनाव में 182 सीटों में से 150 से ज्यादा सीटें जीतेगी। इंडिया टीवी के दिनभर चले मेगा कॉन्क्लेव 'चुनाव मंच' में रजत शर्मा के सवालों का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा, 'सवाल तो अब यह होना चाहिए कि कितनी मार्जिन से हम चुनाव जीतेंगे। बीजेपी 150 से ज्यादा सीटें जीतेगी।'
यह पूछे जानेपर कि अगर पार्टी जीत के प्रति इतनी आश्वस्त है तो फिर दिल्ली से 50 मंत्री गुजरात में क्यों प्रचार कर रहे हैं, शाह ने कहा, 'जीत और जनसंपर्क दो अलग-अलग चीजें हैं। मेरी पार्टी जनता से संपर्क पर ज्यादा जोर देती है। यही वजह है कि हम केंद्र और 18 राज्यों में सत्ता में हैं। हमारी पार्टी देश के 80 प्रतिशत भूभाग पर शासन कर रही है।'
शाह ने याद दिलाया कि मीडिया ने यूपी चुनाव प्रचार के दौरान भी राहुल गांधी और अखिलेश यादव के बारे काफी कुछ कहा था। लेकिन क्या हुआ? कांग्रेस केवल सात सीटें जीतने में सफल रही।
'गुजरात में उनके पास कोई सीएम उम्मीदवार नहीं है। कांग्रेस ने पूरे चुनाव प्रचार को आउटसोर्स कर दिया है। गुजरात की जनता जानना चाहती है कि कौन है जो गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर राज्य को आगे ले जाएगा।'
पाटीदार समाज के आरक्षण के मुद्दे पर बीजेपी अध्यक्ष ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को चुनौती दी कि वह उस फार्मूले को सार्वजनिक करें जिसके तहत वे पाटीदारों को आरक्षण देंगे।
‘वह (राहुल) कल यहां आ रहे हैं। उन्हें वह फॉर्मूला सार्वजनिक करने दीजिए। उसके बाद उस फार्मूले का हरीश साल्वे, सोली सोराबजी जैसे संवैधानिक विशेषज्ञों द्वारा विश्लेषण करवाएं न कि कपिल सिब्बल और रविशंकर प्रसाद जैसे राजनेताओं द्वारा। यदि वे इसे सार्वजनिक नहीं करते हैं, तो गुजरात की जनता छला हुआ महसूस करेगी।’ शाह ने कहा, ‘बीजेपी कभी झूठे वादों का सहारा नहीं लेगी। यह हमारी पार्टी की आदत में नहीं है।’
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि पाटीदार प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग के बाद हुई मौतें दुर्भाग्यपूर्ण हैं, और इस मामले की हाई कोर्ट के एक रिटायर्ड जज द्वारा न्यायिक जांच की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘इसके लिए जो भी दोषी हैं उन्हें सजा मिलेगी।’
यह पूछे जाने पर कि क्यों तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने एक सार्वजनिक रैली में पाटीदारों से ज्ञापन लेने से इनकार कर दिया था, शाह ने जवाब दिया, ‘आमतौर पर ज्ञापन लोगों की भीड़ में नहीं लिए जाते। मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल जाता है। हम जानते थे कि कांग्रेस पर्दे के पीछे से इस आंदोलन को संभाल रही थी। ’
शाह ने राहुल गांधी के इस आरोप से इनकार किया कि राज्य के खजाने को नैनो कार परियोजना की वजह से 33,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा, ‘उनको पता होना चाहिए कि नैनो सिर्फ एक ब्रैंड है, और कंपनी टाटा की है। वे फैक्टरी में अन्य प्रकार के वाहन भी बना सकते हैं। मुझे नहीं पता कि राहुल को किसने इस मुद्दे को उठाने की सलाह दी।’
बीजेपी अध्यक्ष ने राहुल गांधी के इस आरोप को भी खारिज कर दिया कि बीजेपी की सरकार 5 या 6 उद्योगपतियों के पक्ष में काम कर रही है। उन्होंने कहा, ‘2007 के चुनावों में भी उन्होंने आरोप लगाया था कि हम 5 उद्योगपतियों की मदद कर रहे हैं, और गुजरात की 5 करोड़ जनता ने उन्हें जवाब दे दिया। 2012 के चुनावों में उन्होंने फिर आरोप लगाया कि 5 उद्योगपतियों को समर्थन दिया जा रहा है, और गुजरात की 5.5 करोड़ जनता ने उन्हें बैलट के जरिए फिर जवाब दिया। इस बार वे फिर कह रहे हैं कि 5 उद्योगपतियों के लिए काम किया जा रहा है, और गुजरात के 6.5 करोड़ लोग उन्हें फिर जवाब देंगे।’
अमित शाह ने इन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि सरकार उद्योगपतियों के कर्जे माफ कर रही है। उन्होंने कहा, ‘नरेंद्र मोदी की सरकार ने एक भी उद्योगपति का एक रुपये का भी लोन माफ नहीं किया है।’
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, 'कारोबारियों को जीएसटी के मुद्दे पर जिन सम्स्याओं का सामना करना पड़ रहा है उसे प्रधानमंत्री मोदी व्यक्तिगत तौर पर देख रहे हैं।'
उन्होंने कहा, 'तीन से चार महीने में 18 विभिन्न कानूनों को हटाकर जीएसटी उपभोक्ता कानून के एक मॉडल के रूप में उभरेगा और इंस्पेक्ट राज खत्म हो जाएगा।'