नई दिल्ली: भाजपा के वरिष्ठ नेता और मणिपुर के प्रभारी प्रहलाद सिंह पटेल ने दावा किया है कि राज्य में लोग आए दिन होने वाली नाकेबंदी और भ्रष्टाचार से तंग आ चुके हैं और उन्होंने पूर्ण बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बनाने का मन बना लिया है। मणिपुर विधानसभा की 60 सीटों के लिए चार और आठ मार्च को दो चरण में चुनाव होना है। राज्य में चुनाव परिणामों की घोषणा 11 मार्च को होगी। मध्य प्रदेश के दमोह लोकसभा क्षेत्र से सांसद पटेल ने भाषा के साथ साक्षात्कार में कहा, मणिपुर में माहौल भाजपा के अनुकूल हैं, वहां उसकी सरकार बननी तय है। मणिपुर के पिछले डेढ़ वर्ष के राजनीतिक घटनाक्रमों पर नजर रखने वाले कह सकते हैं कि वहां भाजपा स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाएगी।
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उन्होंने कहा, मणिपुर में हुए स्थानीय चुनावों में भी भाजपा को सफलता मिली। पहले मणिपुर में हमारे पास कुछ ज्यादा होता नहीं था, लेकिन अब एक माहौल बना है। मोदी जी का चेहरा और लोगों में विकास की चाह, दो ऐसी बातें है, जो हमारे पक्ष में दिख रही हैं। भाजपा के मणिपुर प्रभारी ने कहा, मणिपुर में पिछले 15 वर्षों से ओकराम इबोबी सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार है और इस दौरान 600 बार नाकेबंदी हुई। करीब 40-40 दिन तक कफ्र्यू की स्थिति बनी रहती है। आए दिन नाकेबंदी और बंद से लोग परेशान हो चुके हैं और वह विकास चाहते हैं। लोगों में अब यह आशा जगी है कि केंद्र का नेतृत्व कर रही भाजपा अगर राज्य में भी सत्ता में आती है तो उसके नेतृत्व में राज्य में विकास कार्य होगा।
यूनाइटेड नगा कौंसिल (यूएनसी) द्वारा एक नवंबर, 2016 से जारी आर्थिक नाकेबंदी के पीछे भाजपा का हाथ होने संबंधी कांग्रेस के आरोपों पर पटेल ने कहा, नगा समझौते को लेकर कांग्रेस ने जो भ्रम की स्थिति पैदा की थी, उसे पार्टी अध्यक्ष अमित शाह बहुत पहले दूर कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि इबोबी सिंह झूठ फैला रहे हैं और राजनीति में झूठ का खेल बहुत लंबे समय तक नहीं चलता। पूर्वोत्तर में पार्टी के विस्तार के बारे में पूछे जाने पर पटेल ने कहा, असम और अरूणाचल प्रदेश में भाजपा की सरकार बन चुकी है। अब हम मणिपुर में सरकार बनाएंगे। नगालैंड में हम सत्ता में सहयोगी हैं। अन्य राज्यों में भी भाजपा अपना आधार बढ़ा रही है और पूर्वोत्तर को लेकर हम काम कर रहे हैं।
पूर्वोत्तर के राज्यों को लेकर भाजपा की नीति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वाजपेयी सरकार के समय से ही पूर्वोत्तर के राज्यों पर भाजपा की सरकार ध्यान देती रही हैं। इससे पहले कांग्रेस की सरकारें पूर्वोत्तर की उपेक्षा करती रही हैं। कांग्रेस वहां की सामाजिक और भौगोलिक जरूरतों को नजरंदाज करती रही है। वाजपेयी सरकार के समय ही अरूणाचल प्रदेश में रेल पहुंची। जनवरी, 2019 तक रेल इम्फाल पहुंच जाएगी।
उन्होंने साथ ही कहा, नितिन जी (केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी) ने 22,000 करोड़ रूपये का सड़क का पैकेज दिया है। दो प्रमुख नदियों पर पुल का काम शुरू हो गया है। वर्ष 2019 तक सड़क निर्माण का कार्य भी पूरा हो जाएगा। मुझे लगता है कि इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद इम्फाल पूर्वोत्तर का सबसे बड़ा व्यावसायिक केंद्र बन जाएगा और गुवाहाटी को भी पीछे छोड़ देगा। पटेल ने इस बात पर बल दिया कि सड़क और रेल को लेकर चल रही मौजूदा परियोजनाएं राज्य की प्रगति का वाहक बनेंगी और इससे राज्य में शांति और स्थिरता स्थापित करने में मदद मिलेगी।