नई दिल्ली: मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद भाजपा अब उपचुनाव की तैयारी कर रही है। विधानसभा का उपचुनाव शिवराज सरकार के स्थायित्व के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। लिहाजा राज्य के दिग्गज नेताओं के आलावा कई केंद्रीय नेता भी इस चुनाव में कैम्पेन करेंगे। कोरोना काल होने की वजह से भाजपा इस उपचुनाव में सोशल मिडिया और वर्चुअल रैली का सहारा लेगी। पार्टी सूत्रों ने बताया कि प्रचार अभियान के पहले दौर में, पार्टी 60 वर्चुअल रैलियां करेगी, जिसकी शुरुआत पिछले महीने हो गई है। दूसरे दौर में 24 रैलियां की जाएंगी जो अगस्त से शुरू होंगी। इन रैलियों को राज्य के नेताओं के अलावा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा संबोधित करेंगे।
इस बाबत मध्यप्रदेश भाजपा के नेता हितेश वाजपेयी का कहना है, कोरोना काल में प्रचार के सभी माध्यमों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अंतर्गत डिजिटल रैली और वर्चुअल रैली का आयोजन किया जा रहा है, ताकि घर घर पहुंचा जा सके। इन रैलियों के प्रति जनता का अच्छा समर्थन भी मिल रहा है और हम कह सकते हैं कि सभी 24 विधानसभा क्षेत्रों में हमारी जीत होगी।
गौरतलब है कि अन्य राज्यों की तरह यहां भी लोगों तक मैसेज पहुचाने में लिए भाजपा ने 65,000 व्हाट्सएप ग्रुप्स बनाए हैं। इन ग्रुप का भी इस्तेमाल चुनाव में किया जाएगा।
इधर सोशल मीडिया के साथ साथ भाजपा विकास को भी बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी कर रही है। मध्यप्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता और उपाध्यक्ष प्रभात झा ने इस पर आईएएनएस से कहा कि "15 महीने की कमलनाथ सरकार के विनाश और विकास के मुद्दे पर यह चुनाव लड़ा जाएगा और वैसे भी जनता तो सिर्फ विकास चाहती है। यही स्थायी मुद्दा है।
चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुक्रवार यानी 10 जुलाई को रीवा में 750 मेगावाट की एशिया की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना के उद्घाटन को भी भुनाने की कोशिश भाजपा करेगी। इसके अलावा केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तावित चंबल एक्सप्रेस वे को भी बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया जाएगा। इस बाबत चार जुलाई को सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, मुख्यमंत्री शिवराज चौहान, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच चंबल एक्सप्रेस-वे की महत्वाकांक्षी परियोजना पर चर्चा की गई थी। उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश को जोड़ने वाला 400 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे, भाजपा के सबसे बड़े चुनावी मुद्दों में से एक है। यह एक्सप्रेस वे ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से होकर गुजरेगा, जिसमें 16 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र आते हैं।
इन मुद्दों के अलावा भिंड या मुरैना में सैनिक स्कूल बनाए जाने की योजना को भी भाजपा उपचुनाव में जोर शोर से भुनाएगी। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने दिल्ली दौरे में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से भिण्ड या मुरैना में सैनिक स्कूल की स्थापना में तेजी लाने का अनुरोध किया था।
प्रदेश के बासमती चावल को जीआई टैग दिए जाने पर भी बात हो रही है, जिसको 13 जिलों में पैदा किया जा रहा है। यह भी बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकता है, खासकर तब जब ये चावल उन्हीं क्षेत्रों में ज्यादा होता है, जहां उपचुनाव होने हैं। जाहिर है पार्टी विकास के नैरेटिव को बढ़ावा देने की रणनीति पर काम कर रही है, जिससे पूरे राज्य में विकास बनाम कमलनाथ की सरकार के पंद्रह महीने के कार्यकाल का माहौल बन जाए।