नई दिल्ली: विवादास्पद भूमि विधेयक पर अपने रुख से पीछे हटते हुए भाजपा ने संप्रग के भूमि कानून के महत्वपूर्ण प्रावधानों को वापस लाने पर सहमति व्यक्त की जिसमें सहमति के उपबंध के साथ ही सामाजिक प्रभाव का मूल्यांकन करने के अलावा पिछले वर्ष अध्यादेश के जरिये नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा लाये गए विवादास्पद संशोधनों को छोड़ना शामिल है।
सूत्रों ने बताया कि संसद की संयुक्त समिति में भाजपा के सभी 11 सदस्यों ने सोमवार को संशोधन पेश किया जिसमें सहमति का उपबंध और सामाजिक प्रभावों का मूल्यांकन करना शामिल है।
भाजपा के अपने पूर्व के रुख से पीछे हटने के साथ ऐसी संभावना है कि भाजपा सांसद एस एस आहलुवालिया के नेतृत्व वाली समिति सात अगस्त को आम सहमति से रिपोर्ट पेश करे।