नयी दिल्ली: दिल्ली बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) प्रवक्ता नूपुर शर्मा को सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर करना काफी मंहगा साबित पड़ रहा है। उन्होंने 2002 गुजरात दंगों की एक तस्वीर को पश्चिम बंगाल के बशीरहाट में हुई हिंसा की तस्वीर बताकर शेयर की थी और उसके बाद से उन पर ट्विटर पर ज़बरदस्त हमले हो रहे हैं।
नूपुर ने सात जुलाई को ट्वीटर पर एक तस्वीर डाली थी और लिखा था कि अब बोलने का वक्त है क्योंकि पहले ही बहुत देर हो गई है। उन्होंने इसी ट्वीट में लोगों से जंतर-मंतर पर इसी संबंध में एक विरोध रैली में जुड़ने की अपील भी की थी। साथ ही उन्होंने #SaveBengal और #SaveHindus जैसे हैशटैग्स का इस्तेमाल भी किया था।
जब ट्विटर यूज़र्स ने उन्हें बताया कि यह तस्वीर 2002 की है और ये बताकर उन पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाया तब नूपुर ने इसके जवाब में कहा कि जगह मायने नहीं रखती क्योंकि तस्वीर बंगाल की सच्चाई दर्शाती है। कुछ लोगों ने इस ट्वीट पर दिल्ली पुलिस से नूपुर को गिरफ्तार करने की मांग की।
ग़ौरतलब है कि एक धर्म विशेष को लेकर किए गए एक कथित आपत्तिजनक फेसबुक पोस्ट के बाद बंगाल के बशीरहाट में हिंसा की आग फैली थी। हिसा इतनी फ़ैल गई थी कि बीएसएफ की एक टुकड़ी को तैनात करना पड़ा लेकिन इसके बावजूद उपद्रवियों ने जमकर हंगामा किया था और पुलिस पर पथराव किया था।
इस बात पर हुआ वबाल
हिंसा अस समय फ़ैली जब घायल युवक कार्तिक घोष की मौत की खबर अस्पताल से आई। बीजेपी ने कार्तिक को अपना कार्यकर्ता बताया और ये भी आरोप लगाया कि टीएमसी विधायक दीपेंदु विस्वास के इशारे पर पुलिस बीजेपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ तलाशी अभियान चला रही हैं। बीजेपी ने कहा कि उनके कार्यकर्ताओं को चुन-चुनकर हिरासत में लिया जा रहा है। इसी के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी का तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल बशीरहाट भेजने का एलान किया था। इसी हिंसा के बाद से बीजेपी और बंगाल की सरकार चला रही तृणमूल कांग्रेस के बीच तनातनी बरकरार है.