Monday, December 23, 2024
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ठाकरे स्मारक: BJP और शिवसेना साथ आए, विपक्ष ने इसे ‘चुनावी चाल’ कहा

केंद्र और राज्य में सत्ताधारी भाजपा और शिवसेना के मध्य संबंधों में आई खटास के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के स्मारक के निर्माण की शुरुआत के लिए बुधवार को आयोजित वास्तु पूजन कार्यक्रम में शामिल हुए।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : January 23, 2019 21:08 IST
Maharashtra Chief Minister Devendra Fadnavis greets Shiv...
Maharashtra Chief Minister Devendra Fadnavis greets Shiv Sena Chief Uddhav Thackeray on their arrival for the ground-breaking ceremony for the construction of a memorial for Shiv Sena founder Bal Thackeray in Dadar, Mumbai

मुम्बई: केंद्र और राज्य में सत्ताधारी भाजपा और शिवसेना के मध्य संबंधों में आई खटास के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के स्मारक के निर्माण की शुरुआत के लिए बुधवार को आयोजित वास्तु पूजन कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान दोनों ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया और बातचीत भी की। हालांकि विपक्ष ने इसे ‘‘चुनावी चाल’’ बताते हुए इसे खारिज कर दिया।

फडणवीस ने कार्यक्रम में शिरकत करने के दौरान अपनी और उद्धव ठाकरे की तस्वीरों को भी सोशल मीडिया पर साझा किया। बाल ठाकरे की 93वीं जयंती के मौके पर बुधवार को फडणवीस और ठाकरे ने मध्य मुम्बई के दादर स्थित शिवाजी पार्क में स्मारक स्थल पर संयुक्त रूप से गणेश पूजन और वास्तु पूजन किया। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर बाल ठाकरे की समझ और भाषण कला की जमकर प्रशंसा की।

मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘साहसी बालासाहेब ठाकरे को उनकी जयंती पर स्मरण करते हुए उन्हें प्रणाम करता हूं। सम्मानित बालासाहेब में लोगों के अधिकारों की रक्षा और उनकी भलाई के प्रति अटूट प्रतिबद्धता थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वह निर्भिक व साहसी थे और तेज बुद्धि के साथ उनकी समझ बहुत गहरी थी। उनके भाषण कौशल ने लाखों लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।’’ एक सूत्र ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को औपचारिक भूमि पूजन के लिए आमंत्रित किए जाने की उम्मीद है।

गौरतलब है कि भाजपा और उसकी सहयोगी शिवसेना के संबंधों में तनाव पिछले कुछ महीनों से और बढ़ गया है। इस मौके पर फड़णवीस और ठाकरे दोनों को हाथ मिलाते देखा गया। कार्यक्रम में मौजूद शिवसेना के एक नेता ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच चाय पर एक संक्षिप्त बैठक हुई। उन्होंने कहा, ‘‘यद्यपि इसमें कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री और भाजपा के अन्य नेता उद्धवजी और उनके परिवार की मौजूदगी में बहुत सहज थे। ऐसा नहीं लग रहा था कि यह ऐसा कार्यक्रम है जिसमें दोनों पार्टियों के नेता मौजूद हों बल्कि (ऐसा प्रतीत हुआ कि) यह एक परिवार के सदस्यों का कार्यक्रम हो।’’

परियोजना के लिए निर्धारित जमीन को सौंपने का तौर तरीका पूरे होने के साथ ही स्मारक का निर्माण अगले महीने से शुरू होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री ने बाद में ट्वीट कर कहा कि बाल ठाकरे उनके लिए सदैव ऊर्जा और प्रेरणा के स्रोत बने रहेंगे।

महाराष्ट्र कैबिनेट ने मंगलवार को ठाकरे स्मारक के लिए 100 करोड़ रुपये मंजूर किए थे। इस कदम को लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा द्वारा अपनी सहयोगी शिवसेना तक पहुंच बनाने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। शिवसेना ने गत वर्ष भविष्य के चुनाव अकेले लड़ने की घोषणा की थी और पार्टी के एक नेता ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार द्वारा ठाकरे स्मारक के लिए धनराशि मंजूर करने के निर्णय का आगामी चुनाव के लिए गठबंधन की संभावनाओं पर कोई असर नहीं होगा।

इस बीच, कांग्रेस प्रवक्ता सचिप सावंत ने कहा कि स्मारक 'मातोश्री' (उपनगरीय बांद्रा स्थित ठाकरे निवास) में बनाया जाना चाहिए था, क्योंकि उन्होंने (बाल ठाकरे) अपना सारा जीवन वहीं बिताया था। उन्होंने कहा, ‘‘शिवसेना के पास बहुत पैसा होने के बावजूद, वह सरकार और लोगों के पैसे का उपयोग कर रही है, जिसकी आवश्यकता नहीं थी। भाजपा केवल चुनाव से पहले शिवसेना को लुभाने की कोशिश कर रही है।’’ सावंत ने कहा, ‘‘वे चाहते हैं कि गठबंधन हो, इसलिए लोगों के पैसे का इस्तेमाल हो रहा है। स्मारक से अधिक, भाजपा को चुनावों की चिंता है।’’

राकांपा नेता चित्रा वाघ ने कहा कि स्मारक की घोषणा कुछ साल पहले की गई थी, लेकिन बीएमसी में शिवसेना के सत्ता में होने और राज्य सरकार में सहयोगी होने के बावजूद इसका निर्माण शुरू नहीं हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘शिवसेना ने हमेशा भाजपा का अपमान किया है। हालांकि, जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, दोनों दलों ने महसूस किया है कि अगर वे एक साथ नहीं आते हैं, तो उनका पतन हो जाएगा। इसलिए, स्मारक के नाम पर यह नाटक हो रहा है।’’

इस बीच, शिवसेना ने ‘सामना’ में प्रकाशित एक संपादकीय में भाजपा पर निशाना साधना जारी रखा और कहा कि बाल ठाकरे का विचार था कि केवल ‘हिंदुत्व’ ही देश को बचा सकता है और उनके इस विचार के चलते भाजपा सत्ता में आई।

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