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मध्य प्रदेश से भाजपा के राज्यसभा प्रत्याशी सुमेर सिंह सोलंकी की उम्मीदवारी हो सकती है रद्द!

भारतीय जनता पार्टी के मध्य प्रदेश से राज्यसभा प्रत्याशी डॉक्टर सुमेर सिंह सोलंकी का नामांकन पत्र रद्द हो सकता है। लिहाजा पार्टी ने राज्यसभा चुनाव में तीसरा उम्मीदवार भी खड़ा किया है। पार्टी ने पूर्व मंत्री रंजना बघेल से भी नामांकन दाखिल कराया है।

Reported by: IANS
Published : March 14, 2020 9:17 IST
मध्य प्रदेश से भाजपा के राज्यसभा प्रत्याशी सुमेर सिंह सोलंकी की उम्मीदवारी हो सकती है रद्द!
मध्य प्रदेश से भाजपा के राज्यसभा प्रत्याशी सुमेर सिंह सोलंकी की उम्मीदवारी हो सकती है रद्द!

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के मध्य प्रदेश से राज्यसभा प्रत्याशी डॉक्टर सुमेर सिंह सोलंकी का नामांकन पत्र रद्द हो सकता है। लिहाजा पार्टी ने राज्यसभा चुनाव में तीसरा उम्मीदवार भी खड़ा किया है। पार्टी ने पूर्व मंत्री रंजना बघेल से भी नामांकन दाखिल कराया है। अगर सोलंकी की उम्मीदवारी रद्द होती है तो रंजना पटेल बघेल पार्टी की तरफ से प्रत्याशी होंगी। यही वजह है कि राज्यसभा चुनाव में भाजपा ने दूसरी सीट के लिए दो प्रत्याशियों से नामांकन पत्र दाखिल कराया है।

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नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख से ठीक एक दिन पहले भारतीय जनता पार्टी ने उच्च शिक्षा विभाग में सरकारी सेवा में कार्यरत सहायक प्राध्यापक डॉ.सुमेर सिंह सोलंकी को प्रत्याशी तो बनाया लेकिन उनका इस्तीफा स्वीकार न होने के कारण पूर्व मंत्री रंजना बघेल से भी नामांकन जमा करवाया गया है।

आदिवासी वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाली रंजना बघेल भी राज्यसभा की टिकट की प्रबल दावेदार रही हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक भाजपा की दूसरी सूची में डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी का नाम देखकर लोग चौंक गए थे। बाद में मालूम पड़ा कि सोलंकी के नाम की सिफारिश राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा की गई थी।

ध्यान रहे कि सोलंकी शासकीय सेवा में आने से पहले वनवासी कल्याण आश्रम के लिए लंबे समय तक काम करते रहे। भाजपा में नई पीढ़ी को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से सोलंकी को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया गया।

सोलंकी ने अपना इस्तीफा तो सौंप दिया है लेकिन अब तक उसे स्वीकार नहीं किया जा सका है। राजपत्रित पद पर कार्यरत होने के कारण सोलंकी का इस्तीफा राज्य सरकार यानी उच्च शिक्षा मंत्री के अनुमोदन से ही स्वीकार किया जा सकता है। इधर, उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी इन दिनों बेंगलुरु पुलिस की अभद्रता से बेहद नाराज हैं। संभावना है कि 16 मार्च तक इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ तो सोलंकी का नामांकन रद्द भी हो सकता है।

गौरतलब है कि नामांकन पत्रों की छंटनी के दौरान नियमानुसार सभी दस्तावेज देखे जाते हैं। इस्तीफा स्वीकार होने का प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है। इसे छंटनी के दिन तक जमा करवाया जा सकता है।

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