नयी दिल्ली: बीजेपी ने चंदे के मामले में सभी राजनीतिक पार्टियों को पीछे छोड़ दिया है। बीजेपी को वित्तवर्ष 2019-20 के दौरान व्यक्तिगत दान, चुनावी न्यास और उद्योग समूहों से कुल 785 करोड़ रुपये का चंदा मिला जो मुख्य विपक्षी कांग्रेस को इसी अवधि में मिले चंदे का करीब पांच गुना है। बीजेपी द्वारा निर्वाचन आयोग के समक्ष चंदे को लेकर फरवरी में जमा नवीनतम रिपोर्ट और इस सप्ताह निर्वाचन आयोग द्वारा सार्वजनिक की गई जानकारी के मुताबिक पार्टी को 785 करोड़ रुपये का चंदा मिला।
जानकारी के मुताबिक बीजेपी के चंदे में सबसे अधिक योगदान इलेक्टोरल ट्रस्ट, उद्योगों और पार्टी के अपने नेताओं ने किया। बीजेपी को सबसे अधिक चंदा देने वाले नेताओं में पीयूष गोयल, पेमा खांडू, किरण खेर और रमन सिंह शामिल हैं। इनके अलावा आईटीसी, कल्याण ज्वेलर्स, रेयर इंटरप्राइजेस, अंबुजा सीमेंट, लोढा डेवलपर्स और मोतीलाल ओसवाल कुछ प्रमुख उद्योग समूह हैं जिन्होंने बीजेपी को चंदा दिया।
न्यू डेमोक्रेटिक इलेक्टोरल ट्रस्ट, प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट, जलकल्याण इलेक्टोरल ट्रस्ट, ट्रिम्फ इलेक्टोरल ने भी बीजेपी के कोष में योगदान दिया। कांग्रेस द्वारा चंदे की मुहैया कराई गई जानकारी के मुताबिक उसे कुल 139 करोड़ का चंदा मिला। वहीं तृणमूल कांग्रेस को आठ करोड़ रुपये, भाकपा को 1.3 करोड़ रुपये और माकपा को 19.7 करोड़ रुपये का चंदा मिला।
वहीं मायावती की बसपा एकमात्र ऐसी पार्टी थी जिसने शून्य योगदान की घोषणा की, लेकिन उन्होंने 95 करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की है। बता दें कि इस रिपोर्ट में 20 हजार से अधिक राशि देने वालों की ही जानकारी है। कोविड-19 महामारी के चलते निर्वाचन आयोग ने वर्ष 2019-20 के लिए वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट जमा कराने की अंतिम तरीख बढ़ाकर 30 जून कर दी है।
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