नई दिल्ली: 2019 आने में अभी एक साल बाकी है लेकिन देश की तमाम सियासी पार्टियां अभी से मिशन 2019 में जुटी हैं। सियासी फतह करने के लिए प्लानिंग हो रही है और इन सबके बीच बीजेपी ने आज कांग्रेस पर बहुत बड़ा आरोप लगाया है जिसके बाद देश की सियासत में खलबली मच गई है। आज कानून और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ब्रिटेन की विवादित एजेंसी कैंब्रिज एनालिटिका की मदद से 2019 के चुनाव को प्रभावित करना चाहती है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी की पार्टी चुनाव के लिए उस एजेंसी की मदद ले रही है जिसपर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में गड़बड़ी करने का आरोप है।
रविशंकर प्रसाद ने दावा किया कि कांग्रेस सोशल मीडिया के ज़रिए चुनावों को प्रभावित करने के लिए फेसबुक और कैंब्रिज एनालिटिका का सहारा ले रही है। उन्होंने इसे देश की सुरक्षा और लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए भी खतरा बताया। रविशंकर प्रसाद ने आज कांग्रेस पर ना सिर्फ इन कंपनियों की मदद लेने का आरोप लगाया बल्कि कई सवाल भी किए।
2019 के लिए कांग्रेस का 'ब्रह्मास्त्र' क्या?
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सोशल मीडिया प्रोफाइल में कैंब्रिज एनालिटिका की क्या भूमिका है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने 2019 के चुनाव अभियान के लिए कैंब्रिज एनालिटिका की सेवा ली है। मीडिया के एक वर्ग द्वारा इसे ब्रह्मास्त्र कहा जा रहा है। इस एजेंसी पर रिश्वत, सेक्स वर्करों का इस्तेमाल करने तथा फेसबुक से डेटा चुराने का आरोप है। प्रसाद ने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी से मेरा सवाल यह है कि क्या चुनाव जीतने के लिए वह आंकड़ों के हेरफेर या चोरी पर निर्भर करेगी।’
वहीं कांग्रेस ने रविशंकर प्रसाद के आरोपों का खंडन किया और बीजेपी पर बिहार चुनाव में इनके इस्तेमाल का आरोप लगाया। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कैंब्रिज एनालिटिका से हमारा कोई लेना देना नहीं है और इसका इस्तेमाल तो दरअसल बीजेपी ने ही किया है। कांग्रेस का आरोप है कि 2010 बिहार विधानसभा चुनाव समेत चार राज्य चुनावों में इस कंपनी की सेवाएं ली गई थीं।
क्या है कैंब्रिज एनालिटिका?
ब्रिटेन की कैंब्रिज एनालिटिका अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी है। यह डाटा माइनिंग और एनालिसिस का काम करती है। यह डाटा के मुताबिक कैंपेन प्लान करती है और 'पॉलिटिकल कैंपेन मैनेजमेंट' का काम देखती है।
क्या है कैंब्रिज एनालिटिका पर आरोप?
इस कंपनी पर फेसबुक से 5 करोड़ यूजर्स के डाटा चुराने का आरोप है। इस पर US राष्ट्रपति चुनाव में गड़बड़ी और ट्रंप को जीत दिलाने में मदद करने का भी आरोप है। इसके अलावा कैम्ब्रिज एनालिटिका पर अमेरिकी नेताओं से घूस लेने और राजनेताओं को फंसाने का आरोप है।