नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच जारी सीमा पर तनाव से इतर अब चीनी निवेश को लेकर बहस छिड़ गई है। पिछले कुछ दिनों में देश में चीनी निवेश और चीनी कंपनियों के खिलाफ गुस्सा बढ़ा है। वहीं चीनी उत्पादों के बहिष्कार की बढ़ती मांग के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम 'मेक इन इंडिया' पर निशाना साधते हुए कहा कि 2014 के बाद चीन से आयात वास्तव में बढ़ गया है।
राहुल गांधी ने यूपीए और एनडीए सरकार के कार्यकाल के दौरान चीन से आयात हुए साामनों की तुलना को दर्शाने वाला एक ग्राफ साझा करते हुए ट्वीट कर लिखा, "तथ्य झूठ नहीं बोलते। बीजेपी कहती है, 'मेक इन इंडिया'। भाजपा करती है, 'बाइ फ्रॉम से खरीदो।"'
ग्राफ में दिखाया गया है कि 2008 से 2014 तक चीन से आयात 14 प्रतिशत से नीचे था, जबकि बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए शासन के दौरान चीनी आयात 18 प्रतिशत से अधिक हो गया।
ग्राफ में भी दिखाया गया है कि 2008 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के शासन में चीन से आयात 12 प्रतिशत था, जबकि 2012 में यह बढ़कर 14 प्रतिशत हो गया, लेकिन 2014 में फिर घटकर 13 प्रतिशत पर आ गया।
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में चीन से आयात 2015 में 13 प्रतिशत से बढ़कर 14 प्रतिशत हो गया, 2016 में 16 प्रतिशत, 2017 में 17 प्रतिशत और 2018 में बढ़कर 18 प्रतिशत हो गया।
दरअसल, चीन के साथ बॉर्डर पर जारी विवाद के बीच उसे आर्थिक चोट देने पर बहस चल रही है। दूसरी ओर सरकार ने भी आत्मनिर्भर भारत कैंपेन लॉन्च किया है, जिसके तहत इम्पोर्ट पर कम ध्यान देने को कहा है और घर में प्रोडक्ट बनाने की चर्चा है। राहुल का ये ट्वीट तब आया है जब एक दिन पहले ही सरकार ने चीनी ऐप पर बैन लगा दिया है।