नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने रविवार को एक राजनीतिक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें 2014 के मुकाबले बड़े जनादेश के साथ 2019 में फिर से सत्ता में वापसी का संकल्प लिया गया। भाजपा ने कहा कि विपक्ष के पास कोई नेता, रणनीति व नजरिया नहीं है, जबकि सत्तारूढ़ पार्टी के पास इन चीजों की कमी नहीं है। मीडिया से बातचीत में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि प्रस्ताव केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा पेश किया गया, जिसमें 2022 तक 'न्यू इंडिया' बनाने का संकल्प लिया गया और इसे राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया।
जावड़ेकर ने राजनाथ सिंह के हवाले से कहा, "आज हमारे पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह का नेतृत्व है। इसी वजह से भाजपा 19 राज्यों में शासन कर रही है। हमारे पास 350 से अधिक सांसद और 1,500 विधायक हैं। इसके अलावा हम हर स्थानीय निकाय और नगर पालिकाओं में मौजूद हैं। हमें 2019 में भारी बहुमत के साथ सत्ता में लौटने का विश्वास है।"
विपक्षी पार्टियों पर एक बड़ा गठबंधन बनाने के प्रयासों को लेकर हमला करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि उनका एकमात्र एजेंडा मोदी को रोकना है और उस प्रयास के जरिए वे नकारात्मक राजनीति कर रहे हैं। जावड़ेकर ने कहा, "विपक्षी पार्टियां सत्ता में आने के सपने देख रही हैं। उनके पास कोई नेता, नीति, रणनीति व नजरिया नहीं है। वे निराश हैं और इस वजह से वे नकारात्मक राजनीति कर रही हैं। लेकिन हमारे पास एक नेता है, जिसके पास नजरिया, जोश व कल्पनाशीलता है।"
उन्होंने कहा, "उनका (विपक्षी पार्टियों) एकमात्र एजेंडा मोदी को रोकना है।" उन्होंने दावा किया कि चार साल सत्ता में रहने के बावजूद मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ गिरा नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रधानमंत्री की जनसमर्थक नीतियों की वजह से है।
मंत्री ने कहा, "प्रधानमंत्री देश को 2022 तक न्यू इंडिया बनाने को लेकर दृढ़ हैं और हम उसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। हम इस प्रतिबद्धता को गरीबी, भ्रष्टाचार, जातिवाद को खत्म करके पूरा करेंगे।" उन्होंने कहा कि राजनीतिक प्रस्ताव में यह बताया गया है कि कैसे आंतरिक सुरक्षा उपाय में बीते साढ़े चार सालों के दौरान सुधार हुआ है, जिससे आतंकवादी हमले में कमी आई है।
जावड़ेकर ने कहा, "इससे जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियां घटी हैं।" उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के तहत सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (अफस्पा) को त्रिपुरा, मेघालय से हटाया गया है।