नई दिल्ली: राफेल विमान सौदे की जांच को लेकर दायर याचिका को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस पर जवाबी हमला बोलते हुए कहा कि राफेल पर सत्य की जीत हुई। कोरे झूठ के आधार पर जनता को गुमराह करने का प्रयास हुआ। ये प्रयास कांग्रेस अध्यक्ष ने तत्तकाल फायदे के लिए किया। झूठे आरोप लगाने की राजनीति पर कोर्ट का फैसला एक तमाचा है। झूठ के पैर नहीं होते, सत्य की जीत होती है।
उन्होंने आगे कहा, ‘’तीनों मुद्दों पर कोर्ट ने स्पष्टता से आदेश दिया और निर्णय प्रक्रिया पर सवाल नहीं उठाया। विमान की क्वालिटी और जरूरत को माना। कोर्ट ने कहा कि कीमतों पर भी जांच की जरूरत नहीं। ऑफसेट पार्टनर पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारत सरकार का ऑफसेट पार्टनर तय करने में रोल नहीं। ये आरोप लगाने वाले के मुंह पर तमाचा है। कोर्ट ने ये भी कहा कि किसी को आर्थिक लाभ पहुॉचाने का तथ्य सामने नही आया जिसके बाद कोर्ट ने दखल की जरूरत से इंकार कर दिया।‘’
अमित शाह ने राहुल गांधी से देश की जनता और सेना से माफी मांगने को कहा और अपने सूचना का सोर्स बताने को कहा जिसके आधार पर उन्होंने इतने बडे आरोप लगाते रहे। अमित शाह ने यह भी कहा कि 2007 से 2014 तक ये डील फाईनल क्यू नहीं हुआ इसका बी जवाब राहुल-कांग्रेस दे। क्या कमीशन के चलते सौदे में देरी हुई? मोदी सरकार ने बिचौलियों को हटाकर सरकार-टू-सरकार डील की, कांग्रेस सरकार ने ऐसा क्यों नहीं किया?
एक सवाल के जवाब में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि सरकार इस मामले की संयुक्त संसदीय कमिटी (जेपीसी) की जांच से भाग नहीं रही है, लेकिन कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट में क्यों नहीं गई तथ्यों के साथ, राहुल क्यों भाग रहे हैं।' शाह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले याचिकाकर्ताओं, जिनमें अरुण शौरी, यशवंत सिन्हा जैसे नेता शामिल रहे, कांग्रेस की बी टीम भी कहा है। शाह ने कहा कि कांग्रेस को चुनौती है कि तथ्य लेकर सदन में चर्चा करें।
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