नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय परिषद का दो दिवसीय सम्मेलन शुक्रवार को दिल्ली में शुरू हो गया है, पार्टी इस सम्मेलन में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अपना एजेंडा तय कर सकती है। सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा पार्टी के कई दिग्गज नेता मौजूद हैं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सम्मेलन का उद्घाटन किया, सम्मेलन में पार्टी के जिलास्तर के नेता, सांसद, विधायक समेत 12,000 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।
आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व इस तरह का यह आखिरी सम्मेलन है। भाजपा इस सम्मेलन में अगड़ी जातियों में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगों को 10 फीसदी आरक्षण देने के लिए विधेयक पारित करने को प्रमुखता से उठाएगी, ताकि इस वर्ग में पार्टी अपनी पकड़ बना सके, जोकि पहले से ही भाजपा का प्रमुख समर्थक रहा है, लेकिन इधर पार्टी से विमुख हो गया था, जिसे हालिया विधानसभा चुनाव में हिंदी भाषी तीन प्रांतों में भाजपा की सत्ता जाने का एक कारण बताया जाता है।
पार्टी अन्य समुदायों के लिए उठाए गए कदमों को भी प्रमुखता से उठाएगी, मसलन, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी)के लिए ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा प्रदान करने के लिए विधेयक, अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति अधिनियम को कमजोर करने वाले सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को निरस्त करने का कदम।
सम्मेलन में वस्तु एवं सेवा कर, नोटबंदी, इज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत की रैंकिंग में सुधार, सर्जिकल स्ट्राइक का जिक्र करके पार्टी मोदी सरकार को साहसी और निर्यायक के तौर पर पेश करने सकती है।
प्रधानमंत्री इस दौरान रामलीला मैदान में बनाए गए अस्थायी प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से अपना काम करेंगे। यहां पीएमओ के लिए आवश्यक सुविधाओं का प्रबंध किया गया है।