बेंगलुरु: दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन चुकी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शुक्रवार को यहां शुरू हुई। बैठक में पार्टी केंद्र में अपनी 10 महीने की सरकार का आकलन करने के साथ ही देश भर में अपना विस्तार करने की रणनीति बनाएगी।
लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत के साथ सत्ता में आने के बाद भाजपा कार्यकारिणी की यह पहली बैठक है। शहर के मध्य स्थित एक आलीशान होटल में कड़ी सुरक्षा के बीच बड़े ही जोश व उत्साह के साथ बैठक का उद्घाटन सत्र शुरू हुआ।
पार्टी के संरक्षक एल.के. आडवाणी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ मंच साझा किया।
पार्टी की कर्नाटक इकाई के नेताओं ने आडवाणी, मोदी, शाह और जेटली का स्थानीय परंपरा के अनुसार उन्हें प्रसिद्ध मैसूर पेठा (टोपी) पहनाकर, शॉल ओढ़ाकर, माला पहनाकर और ताजा फलों की टोकरी भेंट कर स्वागत किया।
इसके बाद मोदी ने मंच पर अन्य तीन नेताओं के साथ दीप जलाकर बैठक का उद्घाटन किया। शाह ने पार्टी के 330 कार्यकारी सदस्यों को संबोधित किया।
इस बैठक में मीडियाकर्मियों को प्रवेश की अनुमति नहीं है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, शाह ने शुद्ध हिंदी में अपने घंटा भर लंबे संबोधन में मोदी की प्रशंसा की। उन्होंने मई 2014 में सत्ता में आने के बाद से केंद्र में भ्रष्टाचार मुक्त राजग सरकार चलाने के लिए मोदी का गुणगान किया।
शाह ने पिछले 10 महीनों में राजनीति, अर्थव्यवस्था और विदेश नीति सहित विभिन्न मोचरें पर पार्टी और सरकार की उपलब्धियां गिनाई और कहा कि जब से भाजपा के नेतृत्व में राजग सत्ता में आई है, देश को कई सालों बाद एक स्थाई सरकार मिली है और इसके साथ ही अर्थव्यवस्था में भी नई शक्ति का संचार हुआ है।
शाह ने जोर देकर कहा, "अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है और महंगाई दर में गिरावट आने से स्पष्ट है कि कीमतें नियंत्रण में आ गई हैं। विकास दर बढ़ाने और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए कई नीतिगत पहले की गई हैं और प्रशासनिक कदम उठाए गए हैं।"
कार्यकारिणी की बैठक में विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा, जिसमें विवादास्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक भी शामिल है, जिसे राज्यसभा में विपक्षी पार्टियों के भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
कार्यकारिणी में उन क्षेत्रों में पार्टी के विस्तार की एक कार्य योजना भी तैयार की जाएगी, जहां पार्टी की मौजूदगी नगण्य है। इनमें आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर के क्षेत्र शामिल हैं।
पार्टी के एक सूत्र के मुताबिक, "इस साल के अंत तक बिहार में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने की दिशा में भी कार्यकारिणी में रणनीति बनाई जाएगी।"