Wednesday, November 06, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राजनीति
  4. प. बंगाल में ‘रथ यात्रा’ निकालने की इजाजत लेने बीजेपी हाईकोर्ट पहुंची

प. बंगाल में ‘रथ यात्रा’ निकालने की इजाजत लेने बीजेपी हाईकोर्ट पहुंची

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने यह दावा करते हुए बुधवार को कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख किया कि पश्चिम बंगाल प्रशासन ने राज्य में सात दिसम्बर से तीन रैलियां निकालने की इजाजत मांगने वाले उसके आवेदनों पर अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: December 05, 2018 20:18 IST
Calcutta High court- India TV Hindi
Calcutta High court

कोलकाता: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने यह दावा करते हुए बुधवार को कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख किया कि पश्चिम बंगाल प्रशासन ने राज्य में सात दिसम्बर से तीन रैलियां निकालने की इजाजत मांगने वाले उसके आवेदनों पर अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है। भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह सात दिसंबर को राज्य में तीन ‘रथ यात्राओं’ पर आधारित पार्टी की ‘लोकतंत्र बचाओ रैली’ की शुरुआत करने वाले हैं। 

यह मामला न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती की पीठ के समक्ष पेश हुआ जहां भाजपा के वकील और महाधिवक्ता किशोर दत्त ने एक दूसरे के दावों का खंडन किया। इसके बाद अदालत ने दोनों पक्षों को एक साथ बैठ कर मुद्दे का निपटारा करने और फिर अदालत आने को कहा। बाद में, एजी ने कहा कि तीन रैलियों में जबरदस्त सुरक्षा प्रबंध की जरूरत होगी और इसके लिए उन्हें राज्य सरकार से निर्देश लेने होंगे। उन्होंने इसके लिए बृहस्पतिवार तक का समय मांगा। अदालत ने इसके लिए समय दे दिया। यह पहला मौका नहीं है जब भाजपा ने राज्य में इस तरह की शिकायत को ले कर अदालत का रुख किया है।

 
भाजप ने अदालत में दावा किया कि उसने तीन रैलियों के लिए इजाजत मांगी थी, लेकिन उसे कोई जवाब नहीं मिला। भाजपा की योजना सात दिसंबर को उत्तर में कूचबिहार से, नौ दिसंबर को दक्षिण 24 परगना के काकद्वीप से, और 14 दिसंबर को बीरभूक के तारापीठ मंदिर से रैली निकालने की है। महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि पुलिस महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक या गृह सचिव रैलियों के लिए इजाजत देने वाले सक्षम प्राधिकार नहीं हैं और एक राजनीतिक पार्टी होने के नाते याचिकाकर्ता (भाजपा) को यह बात जाननी चाहिए। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता को यह पता होना चाहिए कि उसे इसके लिए किसे आवेदन भेजना है। इसपर भाजपा के वकील ने कहा कि उन्होंने उन जिलों के पुलिस अधीक्षकों को भी आवेदन किय है जहां से तीन ‘‘रथ यात्राएं’’ गुजरेंगी। 

भाजपा की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अनिंदय मित्रा ने कहा था कि 29 अक्टूबर को डीजी-आईजीपी को आवेदन किया गया था और फिर 14 नवंबर को गृह सचिव को आवेदनपत्र भेजे गए। उन्होंने कहा कि बाद की तारीखों में इन अधिकारियों को स्मरणपत्र भेजे गए, लेकिन भाजपा को कोई जवाब नहीं मिला। मित्रा ने अदालत को बताया कि राज्यपाल केएन त्रिपाठी ने भी आवेदन पत्रों पर विचार करने के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखे। इस पर महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने कहा कि राज्यपाल एक संवैधानिक प्राधिकार हैं और इस तरह के उच्च पद पर आसीन किसी व्यक्ति को किसी राजनीतिक दल के आवेदन के बारे में इस तरह का आग्रह करना उचित नहीं है। 

न्यायमूर्ति चक्रवर्ती ने कहा कि पुलिस महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक जिम्मेदार अधिकारी हैं और उन्हें आवेदनकर्ताओं को बताना चाहिए था कि वे सक्षम प्राधिकारी नहीं हैं। महाधिवक्ता ने कहा कि तीन यात्राएं 41 दिन में पूरी होनी हैं और यह राज्य के सभी जिलों से हो कर गुजरेंगी। इसके सुरक्षा पहलुओं का फैसला एक दिन के अंदर नहीं किया जा सकता। 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Politics News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement