इंदौर: मध्य प्रदेश के मंदसौर में सात वर्षीय स्कूली छात्रा से सामूहिक बलात्कार के मामले में भाजपा के स्थानीय विधायक सुदर्शन गुप्ता ने अपनी विवादित टिप्पणी को लेकर शनिवार को अफसोस जताया। पीड़ित बच्ची के परिजन के सामने भाजपा विधायक की इस विवादित टिप्पणी के कारण सत्तारूढ़ दल को सियासी हलकों से लेकर सोशल मीडिया तक भारी फजीहत झेलनी पड़ रही है।
सुदर्शन विधानसभा में इंदौर के क्षेत्र क्रमांक-एक की नुमाइंदगी करते हैं। वह भाजपा की प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष भी हैं। उन्होंने सामूहिक बलात्कार पीड़ित छात्रा के माता-पिता से कल यहां शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) में मुलाकात के दौरान कथित तौर पर कहा था कि उन्हें क्षेत्रीय भाजपा सांसद सुधीर गुप्ता को "धन्यवाद" देना चाहिये, क्योंकि वह उनकी बच्ची के हाल-चाल जानने के लिये "खासतौर पर" मंदसौर से इंदौर पहुंचे।
अपनी इस "सलाह" के कारण तीखी आलोचना का सामना कर रहे भाजपा विधायक ने यहां एक बयान में कहा, "मंदसौर में बच्ची के साथ दुष्कर्म से हम सब दु:खी और व्यथित हैं। इस जघन्य अपराध के खिलाफ हम सब पीड़ित परिवार के साथ हैं। इस प्रकरण में मेरी किसी भी बात से किसी व्यक्ति की भावनाएं आहत हुई हों, तो मैं गहरा दु:ख प्रकट करता हूं।" बहरहाल, उन्होंने आरोप लगाया कि सामूहिक बलात्कार पीड़ित बच्ची के परिजन के सामने उनकी बातचीत के वीडियो को काट-छांटकर कुछ इस तरह पेश किया गया कि उनकी बात का अर्थ ही बदल गया।
58 वर्षीय भाजपा नेता ने कहा, "मैं और मंदसौर के भाजपा सांसद पीड़ित बच्ची के परिवार से मिलने सबसे पहले अस्पताल पहुंचे थे। हमने उन्हें हिम्मत बंधाते हुए उनकी हरसंभव मदद का भी भरोसा दिलाया था। लेकिन कटे-छंटे वीडियो में यह सब दिखायी नहीं दे रहा है।" सामूहिक बलात्कार पीड़ित बच्ची मंदसौर से करीब 200 किलोमीटर दूर इंदौर के एमवायएच में 27 जून की रात से भर्ती है। मंदसौर लोकसभा सीट से भाजपा सांसद सुधीर गुप्ता ने कल सुबह इस बड़े सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों से बच्ची के हाल-चाल जाने और इसके बाद उसके माता-पिता से मुलाकात की थी। इस दौरान भाजपा सांसद के साथ इंदौर के भाजपा विधायक सुदर्शन गुप्ता भी थे।
भाजपा विधायक ने एमवायएच में इस मुलाकात के दौरान पीड़ित बच्ची के माता-पिता से कथित तौर पर कहा था, "माननीय सांसद जी को धन्यवाद दो कि वह आज स्पेशली आपसे मिलने आये।" सामूहिक बलात्कार पीड़ित बच्ची के परिजन के सामने भाजपा विधायक के इस बयान को लेकर कांग्रेस ने यह कहकर उनकी निंदा की है कि सत्तारूढ़ दल के निर्वाचित जन प्रतिनिधि एक बेहद संवेदनशील मामले में "घोर संवेदनहीन बर्ताव " कर रहे हैं।