नई दिल्ली: 2019 लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के सामने नई मुश्किलें खड़ी हो गईं हैं और ये मुश्किल है सीटों का पेंच जिसको लेकर रामविलास पासवान संसद भवन में अरुण जेटली से मिलने पहुंचे। उनके साथ चिराग पासवान, पशुपति कुमार पारस और रामचन्द्र पासवान भी मौजूद थे। बैठक के बाद चिराग ने कहा कि सीटों को लेकर बातचीत जारी। वहीं पशुपति पारस ने कहा कि नाराजगी दूर हो जाएगी। कल अमित शाह से एलजेपी अध्यक्ष ने मुलाकात भी की थी लेकिन बात नहीं बनी। इसी मुद्दे पर आज बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली से मिलने रामविलास पासवान संसद भवन पहुंचे थे।
पहले उपेंद्र कुश्वाहा एनडीए छोड़कर महागठबंधन की नाव में सवार हो गए तो अब लोक जनशक्ति पार्टी के रामविलास पासवान के तेवर से भी एनडीए का जहाज बिहार के सियासी भंवर में हिचकोले खाने लगा है जिसे संभालने की कोशिश जारी है। कल पहले बिहार बीजेपी के प्रभारी भूपेन्द्र यादव और चिराग पासवान के बीच मीटिंग हुई, फिर रामविलास पासवान और चिराग पासवान बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मिले।
बैठक में वित्त मंत्री भी शामिल थे और आज अरुण जेटली एक बार फिर रामविलास पासवान और उनके भाई पशुपति पारस मिलेंगे। जेटली से आज फिर बातचीत इसलिए होगी क्योंकि कल शाह और पासवान की मीटिंग में सीटों का गतिरोध ख़त्म नहीं हुआ। क़रीब 1 घंटे की बैठक के बाद जब पासवान बाहर आए तो कुछ नहीं बोले लेकिन हावभाव बता रहे थे कि अभी सब कुछ ठीक नहीं है।
बीजेपी सूत्रों का कहना है कि एलजेपी रामविलास पासवान और चिराग पासवान टिकटों के अलावा मंदिर मुद्दे को लेकर भी चिंतित हैं। मंदिर मुद्दे पर अध्यादेश की खबरों पर पासवान चिंतित हैं। दरअसल, एक दिन पहले भी चिराग पासवान ने कहा था कि विधानसभा चुनाव में एनडीए को विकास का मुद्दा लेकर आगे बढ़ना चाहिए था लेकिन मंदिर मुद्दा उठाया गया। चिराग ने बेरोजगार युवाओं और किसानों का मुद्दा उठाने के साथ ही राहुल गांधी की तारीफ भी कर दी थी।
बताया जा रहा है कि बैठक में ज़्यादातर बातें चिराग पासवान ने ही रखी। चिराग ने एलजेपी को अहमियत ना दिए जाने का आरोप लगाया और सीट शेयरिंग पर बीजेपी-जेडीयू के एकतरफा ऐलान पर नाराज़गी जताई जिसपर अमित शाह ने कहा कि बीजेपी के लिए गठबंधन के सभी दल अहम है लेकिन माना जा रहा है कि एलजेपी अब भी नाराज़ है और इसके संकेत तब मिल गए थे जब मंगलवार को चिराग पासवान ने बीजेपी को जल्द और सम्मान जनक तरीके से सीटों के बंटवारे का अल्टीमेटम दिया।
चिराग ने वित्त मंत्री को चिट्ठी लिखकर ये भी पूछ लिया कि नोटबंदी से देश को क्या मिला हमें बताइए तो हम जनता को बताएंगे। चिराग पासवान यहां तक बोल गए कि असली मुद्दों पर एनडीए का ध्यान नहीं गया तो 2019 हाथ से गया समझो। अब तक की जो खबरें हैं उसके मुताबिक बिहार की 40 सीटों में बीजेपी-जेडीयू 17-17 और एलजेपी को 6 सीट देने का फॉर्मूला बना है जबकि राम विलास पासवान की एलजेपी 7 सीट मांग रही है। 2014 में भी एलजेपी 7 सीटों पर चुनाव लड़ी थी जिसमें 6 सीट पर जीत मिली थी।