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भाजपा में सिंधिया के आने से कई नेताओं की चिंताएं बढ़ीं!

भाजपा ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी जहां गोपाल भार्गव को सौंपी है तो प्रदेशाध्यक्ष वी.डी. शर्मा को बनाया है। राज्य में भाजपा के प्रमुख नेताओं में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, कैलाश विजयवर्गीय, सांसद राकेश सिंह की गिनती होती है। 

Written by: IANS
Published : March 12, 2020 22:17 IST
Jyotiraditya Scindia
Image Source : PTI BJP leader Jyotiraditya Scindia with party leader Shivraj Singh Chouhan, Union Minister Narendra Singh Tomar, State BJP President VD Sharma at party headquarters in Bhopal

भोपाल. कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में आने से जहां पार्टी का केंद्रीय और राज्य का संगठन खुश है, वहीं कई नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें नजर आ रही हैं, क्योंकि सिंधिया के प्रभाव और आभामंडल के चलते कई नेताओं को पार्टी में अपनी चमक फीकी पड़ने का अंदेशा सताने लगा है।

राज्य में भाजपा डेढ़ दशक तक सत्ता में रही, मगर लगभग डेढ़ साल पहले हुए विधानसभा चुनाव में इसे बहुमत नहीं मिल पाया। भाजपा और सत्ता हासिल करने वाली कांग्रेस को मिली सीटों में बड़ा अंतर नहीं है। कांग्रेस के पास जहां 114 विधायक हैं, वहीं भाजपा के 107 विधायक हैं। कांग्रेस की सरकार सपा, बसपा और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से चल रही है।

भाजपा ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी जहां गोपाल भार्गव को सौंपी है तो प्रदेशाध्यक्ष वी.डी. शर्मा को बनाया है। राज्य में भाजपा के प्रमुख नेताओं में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, कैलाश विजयवर्गीय, सांसद राकेश सिंह की गिनती होती है। इन नेताओं के साथ एक और नाम जुड़ गया है और वह है कांग्रेस से आए ग्वालियर राजघराने के वारिस ज्योतिरादित्य सिंधिया, जिन्हें 'महाराज' कहा जाता है।

भाजपा नेताओं के प्रभाव को देखें तो नरेंद्र सिंह तोमर ग्वालियर-चंबल, प्रहलाद पटेल बुंदेलखंड-महाकौशल, गोपाल भार्गव बुंदेलखंड, नरोत्तम मिश्रा ग्वालियर, कैलाश विजयवर्गीय मालवा-निमांड, राकेश सिंह महाकौशल क्षेत्र तक ही सियासी दखल रखते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक मात्र नेता हैं, जिनका पूरे प्रदेश में जनाधार है।

भाजपा से जुड़े एक नेता ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा, "सिंधिया के भाजपा में आने से पार्टी को मजबूती मिलेगी, युवा वर्ग और जुड़ेगा, जिससे पार्टी का जनाधार बढ़ेगा, मगर यह भी सही है कि पार्टी के राज्य के कई नेताओं को सिंधिया का आना रास नहीं आ रहा है, क्योंकि सिंधिया वह नेता हैं, जिनकी पूरे राज्य के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान है।"

भाजपा नेता का आगे कहना है कि एक तरफ जहां सिंधिया की व्यक्तिगत छवि है, वहीं दूसरी ओर पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व से उनके बेहतर संबंध बन गए हैं। इसके अलावा सिंधिया उस परिवार से आते हैं, जिसने जनसंघ और भाजपा की नींव रखने में अहम भूमिका निभाई है, साथ ही सिंधिया राजघराने को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी महत्व देता है।

वरिष्ठ पत्रकार अरविंद मिश्रा का कहना है कि सिंधिया के भाजपा में जाने से जहां एक ओर कांग्रेस को बड़ा नुकसान हुआ है, वहीं भाजपा को एक बेहतर नेतृत्व मिल गया है। यह बात सही है कि सिंधिया के भाजपा में आने से पार्टी के कई नेताओं को अपने कद-काठी पर असर पड़ने की आशंका सताने लगी है, क्योंकि सिंधिया विवादों से दूर और युवाओं के बीच खास अहमियत रखने वाले नेताओं में से एक हैं। उनकी पहुंच सीधे आलाकमान तक है।

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