अमरावती: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने सोमवार को जोर देते हुए कहा कि वह राज्य के अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं। साथ ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर उनकी आवाज को दबाने का प्रयास करने का आरोप लगाया। तेलुगू देशम पार्टी (TDP) के प्रमुख नायडू ने राज्य के लिए न्याय की मांग करने पर उनके खिलाफ आरोप लगाने के लिए कुछ लोगों को भाजपा द्वारा उकसाने का भी आरोप लगाया।
वह अप्रत्यक्ष रूप से वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष वाई. एस. जगनमोहन रेड्डी और जनसेना प्रमुख पवन कल्याण पर निशाना साध रहे थे। नायडू मुस्लिम नेताओं के एक समूह को संबोधित कर रहे थे। समूह ने नायडू से भाजपानीत केंद्र सरकार के साथ उनकी लड़ाई में एकजुटता दिखाई।
इस लड़ाई में मुस्लिमों और अन्य सभी वर्गो से समर्थन की मांग कर रहे तेदेपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा उन्हें राजनीतिक रूप से कमजोर करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, "मैं कोई अकेला व्यक्ति नहीं हूं। वे राज्य को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं।" उन्होंने दावा किया कि वह राज्य हित में भाजपानीत राजग में शामिल हुए थे और कहा कि उनकी पार्टी सरकार से बाहर हो गई और गठबंधन को छोड़ दिया क्योंकि सरकार राज्य के साथ किए वादे को निभाने में विफल रही।
नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाली पार्टी के प्रमुख नायडू ने कहा, "वे अब कह रहे हैं कि वे मेरे खिलाफ जंग की शुरुआत करेंगे। जंग किस लिए? क्या मैंने कुछ गलत मांगा है? मैंने सिर्फ राज्यसभा (आंध्र के विभाजन के दौरान) में किए गए वादे और आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम की प्रतिबद्धताओं के बारे में कहा था।"
उन्होंने कहा कि वह राज्य के पांच करोड़ लोगों के अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक आंध्र को विशेष श्रेणी का दर्जा नहीं मिल जाता तब तक तेदेपा शांत नहीं बैठेगी। उन्होंने कहा कि उनका संघर्ष ऐसे होगा जैसे जापान में होता है। संघर्ष भी होगा और इसके साथ ही राज्य के विकास का काम भी।
उन्होंने दावा किया कि तेदेपा पहली पार्टी थी जिसने संसद में तीन तलाक विधेयक के खिलाफ अपनी आवाज उठाई थी और विधेयक को मुस्लिमों के खिलाफ पूर्वग्रह का सोचा समझा प्रयास करार दिया था। नायडू ने कहा, "मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मैं तीन तलाक के खिलाफ हूं लेकिन यह सही नहीं है कि पति को गिरफ्तार कर उसे जेल में डाल दिया जाए और उसका परिवार व बच्चे परेशान हो।"
उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा व नौकरी में अल्पसंख्यकों को चार फीसदी आरक्षण की रक्षा के लिए उनकी सरकार अच्छे से अच्छा वकील करेगी और जो भी खर्च होगा, उसे वहन करेगी।