नई दिल्ली: भाजपा ने आज उम्मीद जताई है कि नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर शुक्रवार को होने वाले मत विभाजन में सरकार को 314 सांसदों का समर्थन मिलेगा। पार्टी नेताओं के आकलन के मुताबिक सरकार को राजग के घटक दलों के अलावा अंबुमणि रामदास की अगुवाई वाले पीएमके और राजू शेट्टी के नेतृत्व वाले स्वाभिमानी पक्ष से भी समर्थन मिलने की उम्मीद है।
हालांकि शेट्टी और रामदास अब राजग में शामिल नहीं हैं, इसके बावजूद सरकार को उम्मीद है कि वे मत विभाजन के दौरान प्रस्ताव का विरोध करेंगे। पार्टी सूत्रों ने बताया कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार को लोकसभा में 314 सदस्यों का समर्थन मिलेगा। निचले सदन में फिलहाल 535 सदस्य हैं। ऐसे में सरकार को 268 सांसदों के समर्थन की जरूरत है। इन 314 सांसदों की सूची में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन का मत शामिल नहीं हैं। वह इंदौर से भाजपा की सांसद हैं।
संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने संवाददाताओं से बातचीत में आज कहा कि राजग एकजुट है और अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करेगा। उन्होंने कहा, “हमें राजग के बाहर के दलों से भी समर्थन मिलने की उम्मीद है। यह अजीब है कि भाजपा के अकेले दम पर बहुमत हासिल करने और 21 राज्यों में सत्तासीन होने के बावजूद विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाया है।” कुमार ने कहा कि पार्टी ने अपने लोकसभा सदस्यों को अगले दो दिन के लिए व्हिप जारी किया है और उन्हें सदन में उपस्थित रहने को कहा है।
वहीं, कांग्रेस ने लोकसभा में विपक्षी पार्टियों के अविश्वास प्रस्ताव की सफलता के लिए जरूरी संख्याबल के प्रति विश्वास प्रकट किया। सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर शुक्रवार को चर्चा होगी। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, "कौन कहता है कि विपक्षी दलों के पास संख्याबल नहीं है।"
वर्तमान स्थिति में लोकसभा में राजग के सदस्यों की संख्या 313 है। इसमें लोकसभा अध्यक्ष को लेकर भाजपा के 274, शिवसेना के 18, लोजपा के छह और शिअद के छह सदस्य हैं। वहीं विपक्षी दलों की संख्या 222 बताई जा रही है। इनमें कांग्रेस के 63, अन्नाद्रमुक के 37, तृणमूल कांग्रेस के 34, बीजद के 20, तेदेपा के 16 और टीआरएस के 11 सदस्य शामिल हैं।