बेंगलुरु: विपक्षी भाजपा ने वरिष्ठ नेता एस. सुरेश कुमार को कर्नाटक विधानसभा में अध्यक्ष पद के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है। विधानसभाध्यक्ष का चुनाव कल होगा। एच. डी. कुमारस्वामी सरकार द्वारा विश्वास मत पेश करने से पहले संभवत: शक्ति परीक्षण कराने के उद्देश्य से भाजपा ने यह कदम उठाया है।
महानगर से पांचवीं बार विधायक बने सुरेश कुमार ने विधानसभा सचिव एस. मूर्ति के समक्ष विधान सुधा में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन 117 विधायकों का समर्थन होने का दावा करता है जिसने कांग्रेस के रमेश कुमार को इस पद के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है। रमेश कुमार 1994 से 1999 तक विधानसभा अध्यक्ष रह चुके हैं। रमेश कुमार ने भी अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।
सुरेश कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा की राज्य इकाई के प्रमुख बी. एस. येदियुरप्पा के और अन्य नेताओं के निर्देश पर उन्होंने नामांकन पत्र दाखिल किया है। उन्होंने कहा, ‘‘संख्या बल और कई अन्य कारकों के आधार पर हमारी पार्टी के नेताओं को विश्वास है कि मैं जीतूंगा। इसी विश्वास के साथ मैंने नामांकन दाखिल किया है।’’ यह पूछने पर कि भाजपा के केवल 104 विधायक हैं तो ऐसे में उनके जीतने की संभावना क्या है, सुरेश कुमार ने कहा, ‘‘मैंने नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। कल दोपहर सवा बारह बजे चुनाव है। चुनाव के बाद आपको पता चल जाएगा (परिणाम)।’’
नामांकन दाखिल करने में सुरेश कुमार के साथ भाजपा के दो विधान पार्षद सी एन अश्वतनारायण और सुनील कुमार भी थे जबकि रमेश कुमार के नामांकन दाखिल करने के समय कर्नाटक राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और कांग्रेस के कई विधायक और नेता मौजूद थे। नामांकन दाखिल करने के बाद सिद्धारमैया ने संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस-जद (एस) ने रमेश कुमार को सर्वसम्मति से अध्यक्ष पद के लिए अपना उम्मीदवार चुना है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पता चला है कि भाजपा ने भी नामांकन दाखिल किया है... मुझे उम्मीद है कि वे नामांकन वापस ले लेंगे। अगर चुनाव होता है तो रमेश कुमार की जीत सुनिश्चित है।’’
विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर रमेश कुमार के कार्यकाल (1994 से 1999 तक) का जिक्र करते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि उन्हें अच्छे पीठासीन अधिकारी के रूप में जाना जाता है और उन्होंने तब सुचारू रूप से सदन की कार्यवाही चलाई थी।