नई दिल्ली: सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो जारी होने के 12 घंटे बाद कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस प्रवक्ता रनदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक का बीजेपी राजनैतिक इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। ने सर्जिकल स्ट्राइक पर सेना को समर्थन लेकिन बीजेपी और मोदी सरकार की मंशा पर सवाल भी उठाए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद रोकने में सरकार नाकामयाब रही। उन्होंने कहा कि यूपीए काल में भी सर्जिकल स्ट्राइक हुई। बीजेपी बलिदान को वोट में बदलने की कोशिश में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि झूठे राष्ट्रवादियों ने सेना का अपमान किया। सुरजेवाला ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के विडियो को जारी करने की जरूरत नहीं थी क्योंकि देश सेना का सम्मान करता है लेकिन जब उनसे सवाल किया गया कि कुछ राजनीतिक दलों ने सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाए थे और सबूत मांगे थे तो कांग्रेस प्रवक्ता ने घुमा-फिराकर जवाब दिया।
सवाल के जवाब में सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी के ही 2 नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्रियों (यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी) ने सवाल उठाए थे। यह बीजेपी का अंदरूनी मामला है। बता दें कि कांग्रेस नेता संजय निरुपम और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कुछ नेताओं ने सर्जिकल स्ट्राइक के दावे पर सवाल उठाए थे। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मोदी और शाह पर जब-जब फेल होने का खतरा मंडराता है तो वे सेना की बहादुरी का राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल की बेशर्म कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा कि यूपी चुनाव में बीजेपी ने सर्जिकल स्ट्राइक का लज्जाजनक तौर पर राजनीतिक इस्तेमाल किया गया। बैनर-पोस्टर लगाकर सर्जिकल स्ट्राइक का पूरा श्रेय सेना के बजाय बीजेपी और मोदी को दे दिया।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ''28-29 सितंबर, 2016 की ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ के बाद सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने पाकिस्तान में आतंकियों के खिलाफ इस कार्रवाई का तथा हमारे देश के खिलाफ आतंकी मंसूबे नाकाम करने के लिए उठाए गए कदमों को लेकर भारतीय सेना और सरकार का संपूर्ण समर्थन किया था।'' उन्होंने कहा, ''सत्ताधारी दल को याद रखना होगा कि हमारे साहसी सैनिकों के अमूल्य बलिदान को मोदी सरकार और भाजपा राजनीतिक लाभ के लिए वोट हासिल करने का साधन नहीं बना सकते।'' सुरजेवाला ने कहा, "सच्चाई यह भी है कि सर्जिकल स्ट्राइक का राजनैतिक और चुनावी फायदा लेने के लिए आतुर भाजपा सरकार ने हर परंपरा और परिपाटी तोड़ दी। ये लोग फर्जी राष्ट्रवादी हैं जो सेना की बहादुरी पर राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं।"
उन्होंने कहा, मोदी सरकार जय जवान, जय किसान’ के नारे का राजनीतिक इस्तेमाल करने के बाद अब ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की वीर गाथा के जरिए को वोट हथियाने की शर्मनाक कोशिश कर रही है।
उन्होंने सवाल किया, ''क्या मोदी सरकार देश की ‘सुरक्षा के बुनियादी ढांचे’ को खतरे में नहीं डाल रही है? क्या मोदी सरकार सही उपकरण न दे कर और बजट में कटौती कर देश के सैनिकों की जान जोखिम में नहीं डाल रही है? क्या मोदी सरकार देश के ‘बहादुर सैनिकों’ की वीरगाथा का उपयोग ‘राजनैतिक फायदे’ के लिए नहीं कर रही है?''
सुरजेवाला ने कहा, ''एक तरफ मोदी सरकार और भाजपा देश के सैनिकों के बलिदान और सर्जिकल स्ट्राइक का राजनीतिक फायदा उठाने की हरसंभव कोशिश कर रही है, तो दूसरी तरफ वह पाकिस्तान के खिलाफ एक दृढ़ नीति तथा दिशा प्रदान करने और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को रोकने में पूरी तरह असफल रही है।'' उन्होंने कहा, ''मोदी सरकार की विफलता का सबसे बड़ा सबूत यही है कि सितंबर, 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद हमारे 146 सैनिक शहीद हुए हैं, पाकिस्तान ने 1,600 से अधिक बार नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम का उल्लंघन किया है और 79 आतंकवादी हमले हुए हैं। इन सभी ने सरकार के झूठे दावों की पोल खोल दी है।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘सरकार ने सेना के बजट में कटौती कर तथा उसे आधुनिक सुरक्षा उपकरण मुहैया न करवा कर, साफ तौर उससे सौतेला व्यवहार किया है और यह सेना के प्रति मोदी सरकार के दुराग्रह, दोहरी तथा खोखली बातों का पुख्ता सबूत है।’’ उन्होंने सेना के गौरवशाली इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा, ''भारतीय सेना ने अपने अदम्य साहस, पराक्रम और बलिदान की भावना से देश को सदा गौरवान्वित किया है। 1947, 1961-62, 1965, 1971 और 1999 के युद्ध में भारतीय सेना की बहादुरी व कुर्बानी की गाथा आज भी जन-जन की ज़ुबान पर है।''
कांग्रेस नेता ने कहा, "हमारी बहादुर सेना ने पिछले दो दशकों में अनेकों बार सफलतापूर्वक ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की हैं, खास तौर से साल 2000 के बाद- 21 जनवरी, 2000 (नडाला एंक्लेव, नीलम नदी के पार); 18 सितंबर, 2003 (बारोह सेक्टर, पुंछ); 19 जून, 2008 (भट्टल सेक्टर, पुंछ); 30 अगस्त-1 सितंबर, 2011 (शारदा सेक्टर, केल में नीलम नदी घाटी); 6 जनवरी, 2013 (सावन पत्र चेकपोस्ट); 27-28 जुलाई, 2013 (नाजापीर सेक्टर); 6 अगस्त, 2013 (नीलम घाटी) को सेना ने कार्रवाई की थी।''