इंदौर: मध्यप्रदेश के आगामी चुनावों के लिये अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को कहा कि वे विकास का चुनावी एजेंडा तय करें और मतदाताओं को जात-पात के फेर में उलझाने के विपक्षी दलों के कथित प्रयासों को विफल कर दें। शाह ने यहां दशहरा मैदान में भाजपा के कार्यकर्ता सम्मेलन में कहा, "हम आगामी विधानसभा चुनावों में विकास की बात करेंगे। लेकिन वे (विपक्षी दल) जात-पात की बात करेंगे। उन्हें जनता को जात-पात में उलझाने की आदत है। उन्होंने महाराष्ट्र और गुजरात के पिछले विधानसभा चुनावों में भी ऐसा ही किया था।"
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि जातिवाद और विकास के बीच जब भी लड़ाई होती है, तो हमेशा विकास ही जीतता है। शाह की यह टिप्पणी मध्यप्रदेश के चुनावी माहौल के मद्देनजर बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि आगामी विधानसभा चुनावों से पहले अजा-अजजा कानून में संशोधनों के खिलाफ अनारक्षित समुदाय का विरोध प्रदर्शन तेज होता देखा गया है। इस बीच, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के साथ जयस और सपाक्स सरीखे नये संगठनों ने भी सूबे की चुनावी जंग में उतरने की घोषणा कर दी है। नतीजतन सियासी जानकारों का मत है कि इन चुनावों में किसी भी दल की हार-जीत तय करने में जातिगत समीकरणों की भूमिका भी महत्वपूर्ण रहने वाली है।
शाह ने भाजपा कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे चुनावी एजेंडा को पुराने मध्यप्रदेश (कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती शासनकाल) और नये मध्यप्रदेश (सत्तारूढ़ भाजपा का 15 वर्षीय शासनकाल) के बीच रखें। इसके साथ ही, "नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले के भारत" और "नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद के भारत" की तुलनात्मक तस्वीर पेश करें। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा कि आप देश की सुरक्षा, घुसपैठियों और देश के गौरव को चुनावी एजेंडा बनायें। भाजपा अध्यक्ष ने यह कहते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा कि प्रमुख विपक्षी दल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ अपने किसी नेता को सूबे के इस शीर्ष सियासी पद के चुनावी दावेदार के रूप में पेश नहीं कर सका है।