भोपाल। कर्नाटक में कांग्रेस-JDS सरकार गिरने के बाद अब देशभर में चर्चा हो रही है कि मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर भी संकट पैदा हो सकता है। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार पार्टी की अंतर्कलह की वजह से गिर जाएगी, जबकि मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने कहा है कि मध्य प्रदेश में भाजपा को सरकार अस्थिर करने के लिए सात जनम लेने पड़ेंगे।
कर्नाटक के बाद मध्य प्रदेश के लिए चर्चाओं का बाजार इसलिए गरम है क्योंकि राज्य में कांग्रेस की सरकार निर्दलीय और अन्य दलों की बैसाखी पर टिकी हुई है और सरकार के पास कुल विधायक जरूरत से थोड़े ही ज्यादा हैं। वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के विधायकों की संख्या कर्नाटक की तरह जरूरत से थोड़ा ही कम है।
मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए 116 विधायकों की जरूरत होती है, कांग्रेस के पास अपने 114 विधायक हैं और उसे बहुजन समाज पार्टी के 1, समाजवादी पार्टी के 1 तथा 4 निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है। यानि कांग्रेस के पास जरूरत से ज्यादा 4 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी की बात करें तो उसके पास 109 विधायक हैं सरकार बनाने के लिए 7 विधायकों की जरूरत पड़ेगी।