Friday, January 03, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राजनीति
  4. कांग्रेस, नेहरू-गांधी परिवार की प्राइवेट लिमिटेड कंपनी जिसका उद्देश्य वंशवादी सेवा करना: अमित शाह

कांग्रेस, नेहरू-गांधी परिवार की प्राइवेट लिमिटेड कंपनी जिसका उद्देश्य वंशवादी सेवा करना: अमित शाह

कांग्रेस अध्यक्ष बनने के मुद्दे पर जारी बहस के बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को कहा कि 1978 में इंदिरा कांग्रेस के गठन के बाद से इस पार्टी को वंशवादी सेवा के लिये पारिवारिक उद्यम बना दिया गया।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : November 18, 2018 19:36 IST
Amit Shah
Amit Shah

नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कांग्रेस को परिवार के बाहर के किसी व्यक्ति को अध्यक्ष बनाए जाने की चुनौती दिये जाने के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी रविवार को विपक्षी पार्टी पर निशाना साधते हुए उसे नेहरू-गांधी परिवार की प्राइवेट लिमिटेड कंपनी करार दिया। शाह ने एक बयान में कहा कि कांग्रेस राजनीतिक दल से ज्यादा पारिवारिक उद्यम बन गई है जिसका उद्देश्य वंशवादी सेवा करना है न कि राजनीतिक पार्टी की तरह जन सेवा। परिवार के बाहर के किसी व्यक्ति का इस पर कोई अधिकार नहीं है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ में कहा था कि अगर कांग्रेस पार्टी ने गांधी परिवार के बाहर किसी को पांच साल के लिये भी अपना अध्यक्ष बनाया होता तब वह मानते कि जवाहर लाल नेहरू ने वास्तव में विपक्षी दल में सच्ची लोकतांत्रिक प्रणाली स्थापित की थी। 

प्रधानमंत्री ने रविवार को भी राज्य में एक अन्य चुनावी रैली में अपनी बात दोहराई। इस पर पलटवार करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने आजादी के बाद नेहरू गांधी परिवार से इतर अब तक बने 16 कांग्रेस अध्यक्षों के नाम शनिवार को गिनाये थे और प्रधानमंत्री को याददाश्त दुरूस्त करने की सलाह दी थी । अमित शाह ने रविवार को अपने ट्वीट में पलटवार करते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नेहरू गांधी परिवार से बाहर के किसी नेता को कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बनाये जाने की चुनौती के बाद कई दरबारी अपनी ‘वफादारी’ साबित करने के लिये सामने आए, इससे स्पष्ट होता है कि प्रधानमंत्री ने उनकी दुखती रग पर हाथ रख दिया है ।’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सही कह रहे हैं। 1978 में इंदिरा कांग्रेस के गठन के बाद से एक परिवार के चार सदस्यों ने पार्टी का नेतृत्व किया और इसे पारिवारिक उद्यम का रूप दे दिया जिसका मकसद लोगों की सेवा के लिये राजनीतिक पार्टी बनाने की बजाए वंशवादी सेवा प्रदान करना था। 

शाह ने कहा, ‘‘कांग्रेस नेहरू-गांधी परिवार की प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है जिसपर परिवार के बाहर के किसी व्यक्ति का कोई अधिकार नहीं है।’’शाह 1977 के लोकसभा चुनावों में हार के बाद कांग्रेस में 1978 में हुए विभाजन के संदर्भ में कह रहे थे जब इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाले धड़े को कांग्रेस (आई) के तौर पर मान्यता दी गयी थी। जब वह 1980 में सत्ता में वापस लौटीं तो उनके धड़े को बाद में निर्वाचन आयोग ने असली कांग्रेस के तौर पर मान्यता दी। शाह ने पी वी नरसिम्हा राव एवं सीताराम केसरी का जिक्र करते हुए अपने ट्वीट में कहा कि एक परिवार से बाहर के जिन दो सदस्यों ने कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में काम किया, उनके साथ बेहद खराब व्यवहार किया गया।

उन्होंने कहा कि पी वी नरसिंहा राव के निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर को कांग्रेस मुख्यालय के भीतर रखने की अनुमति नहीं दी गई जबकि दिग्गज नेता सीताराम केसरी के साथ किस के वफादार गुंडों ने धक्का मुक्की की, उसके बारे में सभी जानते हैं। मोदी ने रविवार को छत्तीसगढ़ में एक रैली के दौरान यह भी आरोप लगाया कि केसरी को कांग्रेस प्रमुख के तौर पर कार्यकाल पूरा करने की मंजूरी नहीं दी गयी और उन्हें सोनिया गांधी के लिये पद छोड़ने पर मजबूर किया गया।

भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि यू एन ढेबर को इंदिरा गांधी के लिए कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने को कहा गया जबकि नीलम संजीव रेड्डी को वरिष्ठ होने के बावजूद एक परिवार ने राष्ट्रपति नहीं बनने दिया। शाह ने दावा किया कि इसके अलावा बाबू जगजीवन राम, एस निजलिंगप्पा और के . कामराज को एक परिवार ने अपमानित किया। उन्होंने जोर दिया कि गांधीजी और सरदार पटेल के साथ काम करने वाले आचार्य कृपलानी को 50 एवं 60 के दशक में अपमानित किया गया । उनका अपराध यह था कि उन्होंने नेहरू सरकार के खिलाफ पहला अविश्चास प्रस्ताव पेश किया था।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Politics News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement