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लोकसभा चुनाव में 90 सीटों पर भाजपा का जोर, ‘पालकों’को दी गई जिम्मेदारी

भाजपा के एक नेता ने दावा किया कि इनमें कुछ ऐसी सीटें हैं जहां पर पिछले चार सालों में पार्टी की स्थिति पहले की तुलना में मजबूत हुई है। इस रणनीति के तहत भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इसी महीने से अलग-अलग प्रदेशों की 5-5 लोकसभा सीटों के लिए अपने दौरे शुरू किये हैं।

Reported by: Bhasha
Published on: April 24, 2018 14:11 IST
BJP aiming to win 90 Lok Sabha seats it lost in 2019- India TV Hindi
लोकसभा चुनाव में 90 सीटों पर भाजपा का जोर, ‘पालकों’को दी गई जिम्मेदारी  

नयी दिल्ली: भाजपा अगले वर्ष आसन्न लोकसभा चुनाव के लिये उन 90 सीटों को जीतने पर जोर दे रही है जहां पिछले चुनाव में वह दूसरे स्थान पर रही थी। इसके लिये डेढ़ दर्जन केंद्रीय मंत्रियों एवं वरिष्ठ नेताओं को पांच-पांच सीटों का ‘पालक’ बनाकर अभियान चलाया जाएगा। भाजपा अब वर्ष 2014 में जीती 283 सीटों के अलावा उन 90 सीटों पर जोर दे रही है जिन पर वह 2014 में दूसरे स्थान पर रही थी। पार्टी का ध्यान उन 142 सीटों पर भी है जिन पर भाजपा को कभी जीत हासिल नहीं हुई। ये सीटें पश्चिम बंगाल, ओडिशा, केरल, तमिलनाडु, पूर्वोत्तर, आंध्रप्रदेश जैसे राज्यों में हैं।

भाजपा के एक नेता ने दावा किया कि इनमें कुछ ऐसी सीटें हैं जहां पर पिछले चार सालों में पार्टी की स्थिति पहले की तुलना में मजबूत हुई है। इस रणनीति के तहत भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इसी महीने से अलग-अलग प्रदेशों की 5-5 लोकसभा सीटों के लिए अपने दौरे शुरू किये हैं। अप्रैल के पहले हफ्ते में शाह ने उड़ीसा के दो दिन के दौरे में 5 लोकसभा सीटों को कवर किया। इन दौरों में शाह ने खास तौर पर पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करने, बूथ प्रमुखों का सम्मेलन करने और रोड शो के जरिए आम लोगों से संपर्क कायम करने पर ध्यान केंद्रित किया।

इसी कड़ी में शाह ने 21 अप्रैल को उत्तर प्रदेश का दौरा किया। इस दौरे में उन्होंने रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़ सीटों के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन को भी उन्होंने सम्बोधित किया। शाह मई के दूसरे हफ्ते में राजस्थान का दौरा करेंगे जहां हाल ही में पार्टी को लोकसभा की दो सीटों पर हुए उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।

जमीनी एवं बूथ स्तर पर पार्टी की पकड़ मजबूत करने के लिये पार्टी ने ‘शक्ति केंद्रों’ का गठन करने की पहल को तेजी से आगे बढ़ाया है। इस कार्य में पन्ना प्रमुखों की खास भूमिका रखी गई है।

इन 90 सीटों पर जीत दर्ज करने की योजना के तहत भाजपा नेतृत्व ने मंत्रियों एवं वरिष्ठ नेताओं को पांच पांच सीटों का समूह बनाकर जिम्मेदारी दी है। इन नेताओं में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, जे पी नड्डा, धर्मेंद्र प्रधान, प्रकाश जावड़ेकर, मनोज सिन्हा, नरेंद्र सिंह तोमर, पी पी चौधरी, गजेन्द्र सिंह शेखावत आदि शामिल हैं।

इसके लिये ऐसे मंत्रियों का चुनाव किया गया है जिनके पास सांगठनिक अनुभव भी है। जाहिर तौर पर ये पालक केंद्रीय योजनाओं के जरिए भी जमीन तक पहुंचने की कोशिश करेंगे और संगठनकर्ता के रूप में भी पार्टी को मजबूत बनायेंगे । काफी संख्या में सीटों के लिये प्रभारी तैनात किये जा चुके हैं। भाजपा की इस योजना में वे दो करोड़ मतदाता शामिल हैं जो साल 2000 में पैदा हुए हैं और 2019 में पहली बार वोट डालेंगे। युवा मतदाताओं की बड़ी संख्या को देखते हुए भाजपा ने मिशन 2019 के तहत युवाओं पर खासा जोर दिया है। इसके तहत ‘हर बूथ-दस यूथ’ का फार्मूला पूरे देश में लागू किया जा रहा है।

दलितों और आदिवासियों तथा ग्रामीण महिलाओं को जोड़ने के लिये ‘ग्राम स्वराज’ अभियान शुरू किया गया है । ग्राम स्वराज अभियान के दौरान 21,058 गांवों के लिए विशेष पहल शुरू की गई है जहां दलितों की अच्छी खासी आबादी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पार्टी सांसदों, विधायकों एवं नेताओं से इन गांवों में दो दो रातें गुजारने को कहा है।

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