पटना: बिहार में दूसरे चरण के चुनावी मुकाबले का आगाज हो गया है जिसमें वोटर सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण छह नक्सल प्रभावित जिलों के 32 निर्वाचन क्षेत्रों में 456 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला कर रहे हैं। ये जिले हैं कैमूर, रोहतास, अरवल, जहानाबाद, औरंगाबाद और गया।
49 सीटों पर मतदान के पहले चरण के संपन्न होने के बाद एक मंत्री के कथित तौर पर चार लाख रूपये घूस स्वीकार करने वाला एक स्टिंग वीडियो सामने आने की पृष्ठभूमि में दूसरे चरण में राजग ने महागठबंधन पर तीखा हमला किया है।
लोकनायक जयप्रकाश नारायण की 113 वीं जयंती पर सामने आए वीडियो के बाद बिना किसी देरी के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 अक्तूबर को इस मुद्दे को जहानाबाद और भभुआ की रैलियों में उठाया।
दूसरे चरण का निर्वाचन क्षेत्र सुरक्षा कर्मियों के लिए बड़ी चुनौती है क्योंकि ये छह जिले बहुत हद तक नक्सवाद की चपेट में हैं। सुरक्षा कारणों को देखते हुए 23 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान एक और दो घंटा पहले खत्म होगा।
अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी आर लक्ष्मणन ने बताया कि सभी 32 निर्वाचन क्षेत्रों में सुबह सात बजे मतदान शुरू होगा। 11 निर्वाचन क्षेत्रों में दिन में तीन बजे तक और 12 में चार बजे तक और बाकी नौ सीटों पर सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक मतदान होगा।
कुल 86,13,870 मतदाता हैं और मैदान में 456 उम्मीदवार भाग्य आजमा रहे हैं जिसमें 32 महिलाएं हैं। कुल 9,119 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए अद्र्धसैन्य बलों और राज्य पुलिस की कुल 993 कंपनियां तैनात रहेंगी। गया में 334 कंपनियां, रोहतास में 201 और औरंगाबाद में 193 कंपनियां तैनात की गयी है।
सभी सीटों में मुकाबला बेहद तीखा है। इमामगंज :सुरक्षित एससी सीट: पर सबकी नजर है जहां हम के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का सीधा मुकाबला निवर्तमान विधानसभा के अध्यक्ष जदयू के उदय नारायण चौधरी से है। चौधरी इस सीट पर पांच बार जीत चुके हैं।
मांझी जहानाबाद में मखदुमपुर से भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री प्रेम कुमार :गया शहर:, भगवा पार्टी की राज्य इकाई के पूर्व प्रमुख गोपाल नारायण सिंह :नवीनगर: और राज्य के मंत्री जय कुमार सिंह :दिनारा: समेत अन्य नेताओं के भविष्य का फैसला इसी चरण से होगा।
भाजपा विरोधी गठबंधन के लिए इस चरण में काफी कुछ दांव पर टिका है क्योंकि पिछले चुनाव में 32 में अधिकतर सीटें जदयू के खाते में गयी थी।
2010 में जदयू ने 19 सीटों पर जीत हासिल की थी इसके अलावा भाजपा को 10, राजद को दो और एक सीट निर्दलीय ने जीती थी।
इस बार जदयू और राजद ने 13-13 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं जबकि बाकी छह सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार हैं।
शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए अद्र्धसैन्य बलों और राज्य पुलिस की कुल 993 कंपनियां तैनात रहेंगी।
गया में 334 कंपनियां, रोहतास में 201 और औरंगाबाद में 193 कंपनियां तैनात की गयी है।
सभी सीटों में मुकाबला बेहद तीखा है। इमामगंज :सुरक्षित एससी सीट: पर सबकी नजर है जहां हम के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का सीधा मुकाबला निवर्तमान विधानसभा के अध्यक्ष जदयू के उदय नारायण चौधरी से है। चौधरी इस सीट पर पांच बार जीत चुके हैं।
मांझी जहानाबाद में मखदुमपुर से भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री प्रेम कुमार :गया शहर:, भगवा पार्टी की राज्य इकाई के पूर्व प्रमुख गोपाल नारायण सिंह :नवीनगर: और राज्य के मंत्री जय कुमार सिंह :दिनारा: समेत अन्य नेताओं के भविष्य का फैसला इसी चरण से होगा।
भाजपा विरोधी गठबंधन के लिए इस चरण में काफी कुछ दांव पर टिका है क्योंकि पिछले चुनाव में 32 में अधिकतर सीटें जदयू के खाते में गयी थी।
2010 में जदयू ने 19 सीटों पर जीत हासिल की थी इसके अलावा भाजपा को 10, राजद को दो और एक सीट निर्दलीय ने जीती थी।
इस बार जदयू और राजद ने 13-13 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं जबकि बाकी छह सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार हैं।