Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राजनीति
  4. बिहार के मुस्लिम मतदाताओं में ओवैसी की पैठ नहीं

बिहार के मुस्लिम मतदाताओं में ओवैसी की पैठ नहीं

पटना: बिहार के सीमांचल इलाके के रहने वाले तुफैल अहमद और रियाज अंसारी के लिए उनके नेता नीतीश कुमार हैं न कि भाषणों में आग उगलने वाले मुस्लिम नेता असदुद्दीन ओवैसी। अररिया के रहने वाले

IANS
Updated : September 24, 2015 8:31 IST
बिहार के मुस्लिम...
बिहार के मुस्लिम मतदाताओं में ओवैसी की पैठ नहीं

पटना: बिहार के सीमांचल इलाके के रहने वाले तुफैल अहमद और रियाज अंसारी के लिए उनके नेता नीतीश कुमार हैं न कि भाषणों में आग उगलने वाले मुस्लिम नेता असदुद्दीन ओवैसी। अररिया के रहने वाले 40 साल के तुफैल पटना में मजदूरी करते हैं। उन्होंने कहा, "हम लोगों के नेता तो नीतीश कुमार हैं, ओवैसी नहीं।"

इसी तरह पूर्णिया के रहने वाले 50 साल के अंसारी ने कहा कि बीते चार चुनावों से वह जनता दल (युनाइटेड) को मत देते रहे हैं और इस बार भी देंगे।

निर्माण ठेकेदार अंसारी ने आईएएनएस को उन वजहों को गिनाया, जिनके कारण वह नीतीश को वोट देते हैं। उन्होंने कहा, "नीतीश कुमार हमारे नेता हैं। हम शांति से रह रहे हैं। बीते दस सालों में विकास हुआ है। बिजली हमारे लिए कोई विलास की चीज नहीं रह गई है। हमारे शहर और गांव सड़क से जुड़ गए हैं।"

अंसारी और तुफैल सीमांचल के उन 200 लोगों में हैं, जो राज्य की राजधानी में मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का पेट भर रहे हैं। ये सभी नीतीश के समर्थक हैं और ओवैसी मार्का राजनीति को सही नहीं मानते हैं।

हैदराबाद स्थित आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के मुखिया ओवैसी ने बिहार चुनाव में अपने प्रत्याशी उतारने का ऐलान किया है। माना जा रहा है कि ओवैसी की पार्टी राज्य के सीमांचल में अपने प्रत्याशी उतारेगी जहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या काफी है।

अंसारी ने कहा, "हम गरीब लोग हैं। हम झगड़ा नहीं चाहते। भाजपा और ओवैसी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। हम नीतीश कुमार को फिर से मौका देना चाहते हैं।"

लेकिन, यहां बेकरी में काम करने वाले बेलाल मियां और राजू मियां ने कहा कि अगर ओवैसी की पार्टी पटना से लड़े तो वे उसका साथ देंगे।

पटना के व्यापारी अहमद इमाम और नवादा के लेखक समी खान ने भी कहा कि वे ओवैसी का समर्थन करेंगे।

मुस्लिम बुद्धिजीवियों को शक है कि ओवैसी को बिहार में हैदराबाद या महाराष्ट्र जैसा समर्थन मिलेगा।

गया के मिर्जा गालिब कॉलेज के अर्थशास्त्र के शिक्षक अब्दुल कादिर ने कहा, "ओवैसी हिंदुत्व की राजनीति की मदद करने के लिए भाजपा के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं। लेकिन, लगता नहीं है कि बिहार में उनकी दाल गलेगी।"

राजनैतिक विश्लेषक अरशद अजमल ने कहा कि ओवैसी के आने से राज्य में मुस्लिम विरोधी मतों का ध्रुवीकरण जरूर होगा।

राज्य में जितने भी मुस्लिम बुद्धिजीवियों से आईएएनएस ने बात की उनमें से अधिकांश का कहना था कि ओवैसी के आने से सिर्फ भाजपा को फायदा होगा।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Politics News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement