नयी दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राजग के भागीदारों के बीच सीटों के मैत्रीपूर्ण बंटवारे का समझौता होने के दावे के बावजूद रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा को 40 सीटें आवंटित किए जाने को लेकर असंतोष का माहौल है।
पार्टी सूत्रों ने कहा कि लोजपा में महसूस किया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा (हम) और केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा की आरएलएसपी को राज्य में उनके राजनीतिक रसूख को देखते हुए अच्छी संख्या में सीटें मिली हैं।
उन्होंने कहा कि हम के राजग में शामिल होने से पहले भाजपा का प्रस्ताव था कि वह राज्य के 243 विधानसभा सीटों में से 75 प्रतिशत पर चुनाव लड़ेगी और बाकी सीटें लोजपा एवं आरएलएसपी को जाएंगी।
भाजपा की तरफ से एक और प्रस्ताव आया था कि लोजपा और आरएलएसपी को 2014 के आम चुनाव में लड़ी गयी अपनी हर लोकसभा सीट के लिए छह विधानसभा सीटें दी जाएंगी। उस व्यवस्था के तहत लोजपा को 42 और आरएलएसपी को 18 सीटें मिलतीं।
लोजपा के एक वरिष्ठ नेता ने पहचान जाहिर ना करने की शर्त पर कहा, राजग को हमारे पक्के समर्थन और ज्यादा तोल मोल ना करने के हमारे फैसले के बावजूद हम और आरएलएसपी को हमसे बेहतर सौदा मिला।
इसी बीच लोजपा प्रमुख के बेटे चिराग पासवान कल एक संवाददाता सम्मेलन करेंगे जिसमें वह पार्टी को मिले खराब सौदे पर नाराजगी जता सकते हैं।