पटना: छठी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार और उनकी नई मंत्रिपरिषद शुक्रवार को विश्वासमत प्राप्त हो गया। नीतीश के पश्र में 131 वोट पड़े जबकि विरोध में 108 वोट पड़े। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और एनडीए की साझा सरकार के विश्वासमत साबित करने के लिए बिहार विधानसभा में 11 बजे विशेष सत्र बुलाया गया था। विधानसभा की कारवाई प्रारंभ होने के पूर्व ही राजद और कांग्रेस के विधयकों ने जमकर हंगामा किया। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंत्रिपरिषद के पक्ष में विधानसभा में विश्वास मत का प्रस्ताव पेश किया। इसके बाद विश्वास मत के पक्ष और विपक्ष में चर्चा के बाद मतदान शुरू हुआ। ये भी पढ़ें: दलालों के चक्कर में न पड़ें 60 रुपए में बन जाता है ड्राइविंग लाइसेंस
विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने शुरू में ध्वनिनमत से मतदान कराने की कोशिश की लेकिन दोनों ओर से तेज आवाज के कारण निर्णय नहीं हो सका। इसके बाद लॉबी डिविजन से मतदान कराया गया, जिसमें विश्वास मत के प्रस्ताव के पक्ष में 131 मत जबकि विरोध में 108 मत पड़े। विधानसभा से बाहर निकलने के बाद भाजपा के नेता प्रेम कुमार ने कहा कि यह पहले से ही तय था कि बिहार की जनता राजग के साथ है। उन्होंने कहा कि आज पूरा परिवार खुश है। उन्होंने विश्वास मत प्राप्त करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बधाई दी।
ज्ञात हो कि राजद ने गुप्त मतदान का आग्रह किया था। विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए थे। विधानसभा की कार्यवाही का सीधा प्रसारण भी रोका गया। उल्लेखनीय है कि महागठबंधन से अलग होने के बाद नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद नीतीश कुमार ने भाजपा नीत राजग के अन्य दलों के सहयोग से सरकार बनाई और गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
ये भी पढ़ें: अगर सांप काटे तो क्या करें-क्या न करें, इन बातों का रखें ध्यान...
इस राजा की थी 365 रानियां, उनके खास महल में केवल निर्वस्त्र हीं कर सकते थे एंट्री