पटना: बिहार में सत्ता में आने में सबसे बड़ी रुकावट बनते देख बीजेपी ने आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद पर जमानत की शर्तों का उल्लंघन कर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह लालू की जमानत रद्द कराने के लिए कानूनी राय लेगी।
करोड़ों रुपए के चारा घोटाला के एक मामले में झारखंड स्थित सीबीआई की एक अदालत द्वारा पांच साल कारावास और 25 लाख रुपए जुर्माना की सजा सुनाए जाने के बाद दिसंबर 2013 में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने पर लालू जेल से छूट पाए थे।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने पत्रकारों से कहा कि हम लोग लालू की जमानत रद्द कराने के लिए कानूनी सलाह लेगी। वे जमानत की शर्तों का उल्लंघन कर राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लालू करोड़ों रुपए के चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता हैं और वे जमानत पर रिहा हैं जिसके साथ कुछ शर्तें जुड़ी हुई हैं पर वे राजनीति कर रहे हैं।
सजायाफ्ता व्यक्ति राजनीतिक गतिविधियां जारी नहीं रख सकता। शिक्षक बहाली घोटाला में आरोपी हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन लोकदल के अध्यक्ष ओम प्रकाश चौटाला की जमानत को रद्द कराने में सीबीआई कामयाब रही थी, जिन्हें स्वास्थ्य कारणों से जमानत मिली थी।
आगामी सितंबर-अक्तूबर महीने में संभावित बिहार विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ने तथा सामाजिक आर्थिक जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी करने की मांग कर अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं को नीतीश के नेतृत्व में धर्मनिरपेक्ष गठबंधन (राजद-जदयू-कांग्रेस-राकांपा) की ओर आकर्षित करने को लेकर आंदोलन छेड़ने तथा उसे चुनाव में मुद्दा बनाने की लालू की घोषणा ने बीजेपी की परेशानी बढ़ा दी है।