Wednesday, November 20, 2024
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राजनीति: मोदी सरकार की वापसी के साथ 2019 में क्या रहा खास, ये रहीं साल की 10 बड़ी खबरें

साल 2019 में कई बड़ी राजनीतिक घटनाएं हुईं। इस साल मोदी सरकार प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापस लौटी और इस सरकार ने कई बड़े फैसले लिए। रिपोर्ट में जानिए साल 2019 की बड़ी राजनीतिक घटनाएं।

Written by: Yashveer Singh @yashveer_ji
Updated on: December 26, 2019 21:14 IST
PM Modi Supporter- India TV Hindi
Image Source : PTI (FILE) पीएम मोदी का समर्थक

नई दिल्ली। साल 2019 में अब कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं। भारतीय राजनीति में इस साल कुछ घटनाएं ऐसी हुईं, जिनका जब भी जिक्र होगा तो 2019 की याद हमेशा आएगी। आइए नजर डालते हैं साल 2019 में हुई प्रमुख राजनीतिक घटनाओं पर...

गोवा के सीएम मनोहर पर्रिकर का निधन

Manohar parrikar

Image Source : PTI (FILE)
मनोहर पर्रिकर

देश के पूर्व रक्षा मंत्री और गोवा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर परिर्कर का निधन साल 2019 के मार्च महीने की 17 तारीख को हुआ। पर्रिकर लंबे समय से अंग्नाशय की गंभीर बीमारी से पीड़ित थे। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारतीय थल सेना द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक के समय मनोहर पर्रिकर ही देश के रक्षा मंत्री थे।

देश ने फिर चुनी मोदी सरकार, राहुल हारे अमेठी

PM Modi Road Show

Image Source : PTI (FILE)
पीएम मोदी का रोड शो

इस साल देश में आम चुनाव भी हुए। इन चुनावों में नरेंद्र मोदी को घेरने के लिए  विपक्षी दलों ने कई जगह गठबंधन भी किए। यूपी में जहां एक-दूसरे के धुर विरोधी सपा-बसपा एक साथ आ गए तो वहीं कर्नाटक जैसे बड़े राज्य में कांग्रेस और जेडी(एस) ने मिलकर चुनाव लड़ा, बावजूद इसके नरेंद्र मोदी सरकार ने पहले से भी ज्यादा बहुमत के साथ केंद्र की सत्ता में वापसी की। इन चुनावों में सबसे बड़ा उलटफेर यूपी के अमेठी में हुआ, जहां कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी पार्टी के गढ़ में चुनाव हार गए। लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा को 303 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस को 52 सीटें मिलीं।

कर्नाटक का ‘नाटक’

Karnataka

Image Source : PTI (FILE)
कर्नाटक में हुआ जबरदस्त 'नाटक'

2019 के जुलाई महीने में कर्नाटक राज्य में जमकर ‘नाटक’ हुआ। 23 जुलाई को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के दौरान सरकार के पक्ष में 99 विधायकों और विरोध में 105 विधायकों ने वोट किया। कर्नाटक में कुमारस्वामी की सरकार कुल 13 महीने चली। इस सरकार को कांग्रेस का समर्थन मिला हुआ था। कई दिनों तक चले नाटक में कांग्रेस और येदियुरप्पा के कई विधायक कर्नाटक छोड़ कर मुंबई पहुंच गए। दोनों ही पार्टियों ने भाजपा पर खरीद-फोरख्त का आरोप लगाया।  कुमारस्वामी के बाद भाजपा के बीएस येदियुरप्पा राज्य के सीएम बने।

खत्म हुई धारा 370, हुआ J&K का विभाजन

Kashmir

Image Source : PTI (FILE)
नजरबंद किए गए कश्मीर के प्रमुख नेता

अगस्त महीने की 5 तारीख को संसद ने जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित राज्यों में बांटने का फैसला किया। इसके अलावा केंद्र की मोदी सरकार ने राज्य से धारा 370 हटाने का भी फैसला किया। सरकार के इस फैसले का कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने जमकर विरोध किया। जम्मू और लद्दाख में जहां सरकार के इस फैसले के बाद जश्न का माहौल देखने को मिला, तो वहीं कश्मीर घाटी में इस फैसले का विरोध देखने को मिला।

Ladakh

Image Source : PTI (FILE)
लद्दाख में जमकर मना जश्न

भारत सरकार के इस फैसले से पाकिस्तान बौखला गया। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने सोशल मीडिया से लेकर यूएन तक मोदी सरकार की इस निर्णय को लेकर आलोचना की, लेकिन विश्व के ज्यादातर देशों ने इसे भारत का आंतरिक मामला बताते हुए पाकिस्तान को ज्यादा भाव नहीं दिया।

सुषमा स्वराज का निधन

Sushma Swaraj

Image Source : PTI (FILE)
सुषमा स्वराज का निधन

देश की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का 6 अगस्त को दिल्ली के एम्स अस्पताल में दल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। सुषमा 67 साल की थीं और लंबे अर्से से बीमार चल रही थीं। साल 2016 में सुषमा स्वराज का किडनी ट्रांसप्लांट भी हुआ था। बीमारी की वजह से ही उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव से खुद को अलग रखा था। साल 2014 में मोदी सरकार में उन्हें विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई थी। इस दौरान उनके द्वारा किए गए काम की तारीफ उनके विरोधी भी करते हैं। सुषमा स्वराज दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री भी रहीं।

चिदंबरम हुए गिरफ्तार

P Chidambaram

Image Source : PTI (FILE)
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम

देश के पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में से पी चिदंबरम को 21 अगस्त को गिरफ्तार किया गया। चिदंबरम की गिरफ्तारी INX Media केस से जुड़े मामले में हुई। इस दौरान पी चिदंबरम को 100 से भी ज्यादा दिन तक तिहाड़ जेल में रहना पड़ा। चिदंबरम दिसंबर महीने की शुरुआत में रिहा किए गए।

अरुण जेटली का निधन

Arun Jaitley

Image Source : PTI
अरुण जेटली का निधन

देश के पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का निधन 24 अगस्त को हुआ। अरुण जेटली लंबे समय से बीमार थे। जिस समय अरुण जेटली का निधन हुआ, उस समय पीएम मोदी विदेश दौरे पर थे। सौम्य, सुशील, अपनी बात स्पष्टता के साथ कहने वाले और राजनीतिक तौर पर उत्कृष्ट रणनीतिकार रहे अरुण जेटली BJP और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए मुख्य संकटमोचक कहे जाते थे। अपने बहुआयामी व्यक्तित्व, अनुभव और कुशाग्रता के चलते मोदी सरकार के पहले कार्यकाल (2014 से 2019) में जेटली लगभग हर जगह छाए रहे।

अयोध्या विवाद पर ‘सुप्रीम’ फैसला

Modi Ram Mandir

Image Source : PTI (FILE)
प्रतिकात्मक तस्वीर

साल 2019 के नवंबर महीने में सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद पर अपना फैसला सुनाया। लगातार 40 दिन तक चली सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 16 अक्टूबर 2019 को राम मंदिर पर फैसला सुरक्षित रख लिया और 9 नवंबर को ऐतिहासिक फैसले में एक सदी से अधिक पुराने मामले का पटाक्षेप करते हुए अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को अयोध्या में मस्जिद के लिए पांच एकड़ वैकल्पिक जमीन देने का आदेश भी दिया।

भाजपा-शिवसेना के बीच हुआ ‘तलाक’

BJP Shiv Sena

Image Source : PTI
भाजपा और शिवसेना की राहें हुईं अलग

महाराष्ट्र में इस साल अक्टूबर महीने में विधानसभा चुनाव हुए। चुनाव में शिवसेना और भाजपा ने मिलकर चुनाव लड़ा। इस गठबंधन को जनता ने पूर्ण बहुमत भी दिया, लेकिन शिवसेना सीएम पद को लेकर अड़ गई, जिसके बाद दोनों दलों का गठबंधन टूट गया। केंद्र सरकार में शिवसेना के मंत्री ने इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद कांग्रेस और एनसीपी ने शिवसेना के साथ सरकार बनाने के लिए बातचीत शुरू कर दी।

Uddhav NCP

Image Source : PTI (FILE)
NCP, कांग्रेस के समर्थन से Uddhav बने मुख्यमंत्री

हालांकि इस दौरान 23 नवंबर की सुबह पूरा देश उस समय आश्चर्यचकित रह गया, जब सुबह सवेरे देवेंद्र फडणवीस ने एकबार फिर महाराष्ट्र के सीएम पद की शपथ ले ली, उनके साथ अजीत पवार ने भी डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। हालांकि शरद पवार ने अपनी पावर दिखाते हुए अजीत पवार को साधा, जिसके बाद देवेंद्र फडणवीस को इस्तीफा देना पड़ा। देवेंद्र फडणवीस के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के सीएम पद की शपथ ली, उनकी सरकार में कांग्रेस और एनसीपी भी शामिल हुए।

#CAA पर पूरे देश में बवाल

CAA News

Image Source : PTI
A vehicle torched allegedly by protestors during a demonstration against the Citizenship Amendment Act.

संसद ने 11 दिसंबर को नागरिक्ता संशोधन विधेयक पास कर दिया, जिसके बाद देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया। सबसे पहले असम में विरोध प्रदर्शन शुरू हुए, जिसमें हिंसा और आगजनी हुई। असम के बाद ये प्रदर्शन देश के अन्य हिस्सों में भी फैल गए। यूपी, कर्नाटक और दिल्ली में इस कानून के विरोध में हुए प्रदर्शनों में हिंसा और आगजनी भी हुई। जिसके बाद राज्य सरकारों को सख्त फैसले लेने पड़े। सीएए को लेकर विरोध प्रदर्शनों का दौर अभी भी जारी है।

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