नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति और बूथ प्रबंधन पर ध्यान देने के साथ कांग्रेस संगठन को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की संभावना है। सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। असम विधानसभा चुनाव में अपनी टीम के साथ पार्टी कार्यकर्ताओं के बूथ प्रशिक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले बघेल ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के 10 जनपथ आवास पर पार्टी की महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाद्रा, कोषाध्यक्ष पवन कुमार बंसल और राजीव शुक्ला से मुलाकात की।
सूत्रों के मुताबिक, प्रियंका गांधी ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेताओं को उत्तर प्रदेश भेजने को कहा है और बैठक के दौरान चुनावी राज्य में बूथ प्रबंधन और कार्यकर्ता सम्मेलन की रूपरेखा पर भी चर्चा की गई। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस संगठन की गतिविधियों को तेज करने पर भी चर्चा हुई। बघेल की सिफारिश पर उनके संसदीय सलाहकार राजेश तिवारी को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) का उत्तर प्रदेश का प्रभारी सचिव बनाया गया है।
बघेल से 2018 के एक समझौते को लेकर चर्चाओं के बारे में पूछा गया कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रूप में उनका ढाई साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद क्या राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पदभार संभालेंगे, इस पर बघेल ने संवाददाताओं से कहा कि आलाकमान के कहने के बाद उन्होंने शपथ ली थी और अगर पार्टी का नेतृत्व किसी और को जिम्मेदारी सौंपता है तो ऐसा ही होगा।
हालांकि, बघेल खेमे के सूत्रों ने कहा कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह मुख्यमंत्री बने रहेंगे। छत्तीसगढ़ के एआईसीसी प्रभारी पीएल पुनिया ने कहा कि नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें केवल मीडिया में हैं और यह सच नहीं है।
पुनिया ने कहा, ‘‘मीडिया में (नेतृत्व परिवर्तन के बारे में) जो कुछ भी प्रसारित किया जा रहा है, उसमें कोई सच्चाई नहीं है और उस पर ऐसा कोई समझौता या निर्णय नहीं हुआ था जिसके बारे में बात की जा रही है।’’ बघेल ने छत्तीसगढ़ वापस जाने से एक दिन पहले पुनिया से उनके आवास पर मुलाकात की थी।