बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) में लड़कियों से छेड़छाड़ के मामले पर वाराणसी के कमिश्नर नितिन गोकरन की रिपोर्ट के बाद मानव संसाधन मंत्रालय ने यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर गिरीश त्रिपाठी को दिल्ली तलब किया है। कमिश्नर ने चीफ सेक्रेटरी राजीव कुमार को शुरुआती रिपोर्ट सौंपी है जिसमें यूनिवर्सिटी प्रशासन को ज़िम्मेदार ठहराया गया है। कमिश्नर नितिन गोकरन ने रिपोर्ट में कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पीड़ित की शिकायत को न तो गंभीरता से लिया और न ही स्थिति को समय रहते संभालने की कोशिश की।
दरअसल बीएचयू परिसर में गुरुवार (21 सितंबर) को एक छात्रा से छेड़छाड़ के बाद से छात्राओं में ज़बरदस्त ग़ु्स्सा है। इनका आरोप है कि गुरुवार शाम छह बजे तीन युवाओं ने छात्रा से छेड़छाड़ की और उसका उत्पीड़न किया। पीड़िता फाइन आर्ट्स प्रथम वर्ष की छात्रा है। घटना के बाद छात्र-छात्राओं ने प्रशासन के खिलाफ आक्रोश दिखाते हुए आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन जब विरोध-प्रदर्शन का असर नहीं हुआ तो छात्र वीसी के लॉज पहुंचे। मगर विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं के साथ पुलिसकर्मियों ने मारपीट की। इसके बाद बीएचयू परिसर मैदान-ए-जंग में बदल गया।
पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान हवाई फायरिंग की और आंसू गैस के गोले दागे लेकिन तब भी जब हालात काबू में नहीं आए तो पुलिस ने पथराव भी किया। घटना में दरोगा सहित दर्जनों छात्र घायल हो गए थे। इस बीच सोशल मीडिया कुछ वीडियो तेज़ी से वायरल हुए जिनमें महिलाओं पर लाठीचार्ज करते दिखाया गया। कुछ छात्राओं के सिर और पैर पर पट्टी भी बंधी नज़र आई थी। वीडियो में एक छात्रा कहती नजर आई थी कि फोर्स ने उन्हें बेरहमी से पीटा। हमें पैरों से भी कुचला गया। वहीं एक अन्य वीडियो में सुरक्षाकर्मी छात्राओं को खदेड़ते हुए नज़र आ रहे थे। भारी तनाव के बाद यूनिवर्सिटी को 2 अक्टूबर तक बंद करने के आदेश दे दिए गए हैं।
इस मामले पर बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने कहा था कि बाहर के लड़कों ने आकर यूनिवर्सिटी में हंगामा किया। पीड़ित छात्रा को बीएचयू से कोई शिकायत नहीं है। हम कड़ी कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध हैं और ऐसा भी किया है। हालांकि प्रेस कॉन्फ्रेंस में वीसी ने आरोपियों को खिलाफ कार्रवाई और सुरक्षाकर्मियों द्वारा छात्र-छात्राओं से मारपीट पर अपना बयान नहीं दिया था।