नई दिल्ली: आयकर विभाग ने कर चोरी एक मामले से जुड़ी अपनी जांच के सिलसिले में आज कर्नाटक के उुर्जा मंत्री डी के शिवकुमार के कर्नाटक और दिल्ली स्थित कई ठिकानों की तलाशी ली जिसपर राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। राज्यसभा में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जहां पर गुजरात कांग्रेस के विधायक हैं, वहां पर कुछ नहीं हुआ है। सिर्फ एक मंत्री के घर पर छापा पड़ा है, रिजॉर्ट पर छापा नहीं पड़ा है। उन्होंने कहा कि सिर्फ वहां पर छापे नहीं पड़े हैं, बल्कि 39 जगहों पर छापे पड़े हैं। ये भी पढ़ें: दलालों के चक्कर में न पड़ें 60 रुपए में बन जाता है ड्राइविंग लाइसेंस
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि ये छापे राजनीतिक दुश्मनी निकालने के लिए मारे गए हैं। हंगामा कर रहे सांसदों ने वेल में आकर उप सभापति पीजे कुरियन के सामने जमकर नारेबाजी की। वे 'लोकतंत्र की हत्या बंद करो' और 'सरकारी तानाशाही नहीं चलेगी' जैसे नारे लगा रहे थे।
राज्यसभा की कार्रवाई शुरू होते ही वरिष्ठ कांग्रेसी नेता आनंद शर्मा ने यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल करके राजनीतिक विरोधियों का दमन करना चलन बन गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि आईटी, सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करके विपक्ष को डराने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने बुधवार को आईटी के छापे की टाइमिंग और जगह पर भी सवाल उठाए।
बता दें कि आयकर विभाग आठ अगस्त को होने वाले राज्यसभा चुनावों में धन बल के कथित इस्तेमाल और बड़े पैमाने पर अवैध धन की लेनदेन के आरोपों की जांच भी कर रहा है। शिवकुमार राज्यसभा चुनाव तक बेंगलुरु के रिजॉर्ट में लाये गये गुजरात के अपने पार्टी विधायकों की मेजबानी कर रहे हैं। कांग्रेस की गुजरात इकाई के छह विधायकों के पार्टी छोड़ने के बाद अन्य पार्टी विधायकों को यहां लाया गया।
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में गुजरात के 57 में से छह कांग्रेस विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया, जहां से वरिष्ठ पार्टी नेता अहमद पटेल चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें से तीन शुक््रुवार को भाजपा में शामिल हो गये। पार्टी को आशंका है कि अधिक विधायकों के दल बदलने से पटेल की जीत की संभावनाओं पर असर पड़ेगा।
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