कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार ‘प्रधानमंत्री सड़क योजना’ की निधि से पंचायत स्तर की सड़कों का निर्माण नहीं कराना चाहती क्योंकि ऐसी सड़कों के नाम पर ‘प्रधानमंत्री’ शब्द अंकित करना होगा। बंगाल सरकार का कहना है कि इन सड़कों के निर्माण का लगभग आधा खर्चा राज्य सरकार उठाती है।
राज्य पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि केंद्र राज्य सरकार को सड़कों के नाम में ‘प्रधानमंत्री’ अंकित करने का दबाव बना रही है। राज्य सरकार ने इन सड़कों को ‘बांग्ला ग्रामीण सड़क’ का नाम दिया है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “जब हम कुल लागत का 50 प्रतिशत सहयोग (प्रशासनिक लागत) देते हैं तो हम इन सड़कों के नाम में ‘प्रधानमंत्री’ अंकित क्यों करें।''
मुखर्जी ने कहा कि वास्तव में इन सड़कों के नामकरण में राजनीति निहित हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने केंद्र को लिखा है कि यदि ‘प्रधानमंत्री’ शब्द का इस्तेमाल हो रहा है तो सड़कों के नामकरण में 'मुख्यमंत्री' शब्द का इस्तेमाल भी किया जाए।