नई दिल्ली: सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल होने के एक दिन पूर्व राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल ने सरकार से एक असहज करने वाला सवाल पूछा था। उन्होंने पूछा था कि क्या सरकार स्वीकार करती है कि नोटबंदी उसका‘ सबसे गलत’ फैसला था।
समाजवादी पार्टी द्वारा उच्च सदन के लिए दोबारा निर्वाचन के लिए प्रत्याशी बनाने से इंकार किए जाने के बाद अग्रवाल कल भाजपा में शामिल हो गए। लेकिन कुछ ही दिन पहले उन्होंने वित्त मंत्री से एक्त लिखित प्रश्न पूछा था जिसका आज उन्हें जबाव दिया जाना था।
अतारांकित प्रश्न में उन्होंने वित्तमंत्री से जानना चाहा था कि, ‘‘क्या यह सही है कि सरकार ने स्वीकार कर लिया है कि नोटबंदी उसका बेहद गलत फैसला था, अगर ऐसा है तो इसके क्या कारण हैं।’’ वित्त राज्यमंत्री पी राधाकृष्णन ने सदन में पेश किए गए अपने लिखित उत्तर में पहले प्रश्न के लिए तो जबाव‘‘ ना’’ में दिया और बाद के प्रश्न के बारे में कहा, ‘‘ सवाल ही नहीं उठता है।’’
उसी सवाल में अग्रवाल ने पूछा था कि अगर फैसला गलत नहीं था तो आठ नवंबर 2016 के 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने के फैसले से कौन से क्षेत्र को लाभ पहुंचा।
इसके जबाव में राधाकृष्णन ने कहा कि नोटबंदी के फैसले से जाली नोट का खात्मा हुआ और आंतकवादी गतिविधियों को धक्का पहुंचा, काले धन के सृजन के खिलाफ कार्रवाई हुई, अर्थव्यवस्था का औपचारिकरण हुआ डिजिटलीकरण बढ़ा।