रायपुर/बीजापुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि वह अति पिछड़े समाज से आते हैं और वह जो देश का प्रधानमंत्री बने हैं, यह बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की देन है। बीजापुर में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "बाबा साहेब की प्रेरणा से बीजापुर के लोगों में एक नया भरोसा, नई अभिलाषा, विश्वास जगाने आया हूं।"
मोदी ने कहा कि यहां देवी-देवताओं ने बस्तरवासियों को प्रकृति के साथ रहना सिखाया है। मोदी ने अमर शहीद चैन सिंह और वीर गुंडाधुर को याद किया। 100 वर्ष पूर्व महानायक वीर गुंडाधुर यहां अवतरित हुए। यहां अनेक लोकनायकों की शौर्य गाथाएं पीढ़ी दर पीढ़ी विस्तार पाती रहेंगी। वीर सपूतों और वीर बेटियों के नाम यहां शौर्य पराक्रम की गाथाएं हैं।
उन्होंने कहा कि यहां के लोगों की सुरक्षा में जवान दिन-रात लगे हैं। वे अपनी जान तक की परवाह नहीं करते। विकास के लिए जवान मुट्ठी में जिंदगी लेकर चलते हैं। गांव में अस्पताल और स्कूल बनाने के लिए जवान अपना अहम योगदान दे रहे हैं। मोदी ने नक्सलवाद पर लोगों से कहा, "आपको शस्त्र उठाने की जरूरत नहीं है। जो इस राह पर चल पड़े हैं, उनका मुखिया कौन है? उनका एक भी आदमी आपके इलाके का नहीं है। वे जंगलों में छिपकर रहते हैं। आपके बच्चों को आगे कर उन्हें मरवाते हैं। ये सभी बाहर से आते हैं। इनके नाम देखिए कि ये कौन हैं।"
प्रधानमंत्री ने जनसभा में 'जय भीम' के नारे लगाए और कहा कि आज 14 अप्रैल देशवासियों के लिए महत्वपूर्ण दिन है। बस्तर और बीजापुर के आसमान में बाबा साहेब के नारों की गूंज में आशा और आकांक्षा जुड़ी है। बाबा साहेब उच्च शिक्षित थे, वे चाहते तो विदेश में रहकर ऐश और आराम की जिंदगी जी सकते थे, लेकिन उन्होंने अपना जीवन वंचित समुदाय के लिए समर्पित कर दिया।
उन्होंने कहा, "वे दलितों को उनका अधिकार दिलाना चाहते थे। विकास के दौर में जो पीछे छूट गए थे, ऐसे समुदाय में आज चेतना जागी है। विकास की भूख जागी है, यह चेतना बाबा साहेब की देन है। अति पिछड़े समाज से आने वाला मैं आपका साथी देश का प्रधानमंत्री बना हूं यह भी बाबा साहब की देन है। बाबा साहब की प्रेरणा से बीजापुर के लोगों में एक नया भरोसा, नई अभिलाषाएं विश्वास जगाने आया हूं।"
मोदी ने कहा, "बीजापुर में नए सिरे से नई सोच के साथ बड़े पैमाने पर काम होने जा रहा है। बीजापुर के अधिकारियों ने 100 दिनों में सबसे अधिक काम कर दिखाया, जिस कारण वादा अनुसार मैं बीजापुर आया हूं। यहां की 10वीं कक्षा की बच्ची ड्रोन बनाना जानती है और कहती है कि मैं 50 मीटर तक ड्रोन उड़ा लेती हूं।"
प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में किए गए कार्यों की तारीफ की और कहा कि आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर संग्रहालय का निर्माण किया जाएगा, ताकि आने वाली पीढ़ियां देश के लिए उनके बलिदान को याद कर सकें। मंच पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, केंद्रीय मंत्री जे.पी. नड्डा और राज्य के कई मंत्री व विधायक उपस्थित थे।