Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राजनीति
  4. अयोध्या फैसले का भाजपा को पश्चिम बंगाल में राजनीतिक लाभ मिलने की उम्मीद

अयोध्या फैसले का भाजपा को पश्चिम बंगाल में राजनीतिक लाभ मिलने की उम्मीद

शनिवार को न्यायालय के अयोध्या मामले पर आए फैसले के कारण पश्चिम बंगाल भाजपा को 2021 विधानसभा चुनाव से पहले हिंदू मतों में पैठ और मजबूत करने की उम्मीद है।

Reported by: PTI
Published on: November 10, 2019 14:41 IST
BJP- India TV Hindi
BJP

कोलकाता: असम में एनआरसी से 12 लाख से अधिक हिंदुओं को बाहर रखे जाने को लेकर बचाव की मुद्रा में आई भारतीय जनता पार्टी को अयोध्या भूमि विवाद पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद पश्चिम बंगाल में 2021 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक लाभ मिलने की उम्मीद है।

न्यायालय ने अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का शनिवार को रास्ता साफ कर दिया और उसने मस्जिद के निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ भूमि आवंटित करने का निर्देश दिया है। भाजपा ने इस साल की शुरुआत में ममता बनर्जी के गढ़ में 42 लोकसभा सीटों में से 18 सीटों पर कब्जा कर लिया था। भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस के पक्षपातपूर्ण रवैये और अवैध प्रवासियों को बाहर करने के वादे के दम पर यह सफलता हासिल की थी, लेकिन असम में अंतिम एनआरसी से बंगाली हिंदुओं को बड़ी संख्या में बाहर रखे जाने पर उसे काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी।

एनआरसी में नाम शामिल नहीं होने के भय के कारण कम से कम 11 लोगों की कथित रूप से मौत हो गई या उन्होंने आत्महत्या कर ली। इस बीच, शनिवार को न्यायालय के अयोध्या मामले पर आए फैसले के कारण पश्चिम बंगाल भाजपा को 2021 विधानसभा चुनाव से पहले हिंदू मतों में पैठ और मजबूत करने की उम्मीद है। राज्य भाजपा के सूत्रों ने बताया कि 90 के दशक की शुरुआत में राम मंदिर के मामले से भगवा दल को लाभ हुआ था। उस समय पार्टी ने पहली बार करीब 16 प्रतिशत मत हासिल किए थे।

राज्य भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने अपना नाम गोपनीय रखने की शर्त पर कहा, ‘‘90 के दशक में हम लय बरकरार नहीं रख पाए और मत प्रतिशत चार से पांच प्रतिशत तक गिर गया, लेकिन अब राजनीतिक परिदृश्य हमारे लिए लाभकारी है। हमने लोकसभा चुनाव में 18 सीटें और 40.5 प्रतिशत मत हासिल किए। अयोध्या मामला हमारे जनाधार को और मजबूत करेगा।’’

पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि संघ परिवार की अयोध्या स्थल के लिए तीन दशक पुरानी लड़ाई इस जीत के ही साथ अंतत: समाप्त हो गई। घोष ने कहा, ‘‘हम भगवान राम को लेकर राजनीति नहीं करना चाहते, लेकिन यह सच्चाई है कि भाजपा और संघ परिवार पिछले तीन दशक से एक कारण के लिए लड़ रहे थे। इसलिए यदि इससे लाभ होगा तो यह स्वाभाविक है कि भाजपा इसे हासिल करेगी।’’

भगवा खेमे के एक वर्ग के नेताओं का मानना है कि इस मामले पर तृणमूल कांग्रेस की चुप्पी ने भाजपा को उस पर यह आरोप लगाने का नया अवसर दिया है कि वह ‘‘मुस्लिम समर्थक दल’’ है। भाजपा महासचिव सायंतन बसु ने कहा, ‘‘ऐसा क्यों है कि न तो तृणमूल और न ही ममता बनर्जी ने इस मामले पर कुछ कहा? उन्हें अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। दरअसल उन्हें आशंका है कि फैसले का स्वागत करने से मुस्लिम वोट बैंक नाराज हो सकता है।’’ इस मामले पर शनिवार रात तक पूरी तरह चुप्पी साधने वाली तृणमूल ने कहा कि हिंदू मतों को जीतने का भाजपा का सपना 2021 में धराशायी हो जाएगा।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Politics News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement