हैदराबाद: एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी तीन दिनों के दौरे पर उत्तर प्रदेश पहुंच रहे हैं। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तैयार ओवैसी इस दौरे की शुरुआत इस बार 7 सितंबर से अयोध्या से कर रहे हैं। ओवैसी ने बृहस्पतिवार को राज्य के तीन दिवसीय दौरे की घोषणा की। उन्होंने कहा कि वह 7 सितंबर को फैजाबाद, 8 सितंबर को सुल्तानपुर और 9 सितंबर को बाराबंकी का दौरा करेंगे। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ''यह सिर्फ शुरुआत है। हम उप्र में कई जगहों पर जाएंगे। गलत क्या है? चुनाव आ रहे हैं। पार्टी को मजबूत करने की जरूरत है। हमें लोगों से मिलना है। हमें लोगों के पास जाना है। हमें अपने कार्यकर्ताओं को मजबूत करना है। उप्र विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवारों को जिताना है और योगी (आदित्यनाथ) सरकार को हटाना है।''
ओवैसी देश भर में अपनी पार्टी का विस्तार करने के प्रयास कर रहे हैं और उन्हें महाराष्ट्र और बिहार में उचित सफलता मिली है। हालांकि, पार्टी पश्चिम बंगाल में बढ़त नहीं बना सकी। अफगानिस्तान के मुद्दे पर हैदराबाद से लोकसभा सदस्य ओवैसी ने कहा कि राजग सरकार को बताना चाहिए कि वह तालिबान को आतंकवादी संगठन मानती है या नहीं। क्या सरकार ने तालिबान प्रतिनिधियों के साथ अपनी हालिया बैठक में यह स्पष्ट किया कि जैश-ए-मोहम्मद अफगानिस्तान के हेलमंद प्रांत में सक्रिय है और खोस्त (अफगानिस्तान) में लश्कर-ए-तैयबा का एक शिविर सक्रिय है।
उन्होंने कहा, ''सबसे बुनियादी बात जो मोदी सरकार को देश बतानी चाहिये, वो ये है कि तालिबान आतंकवादी है या नहीं। अगर वे आतंकवादी हैं, तो क्या सरकार तालिबान को यूएपीए आतंकवादी सूची में शामिल करेगी। हक्कानी को इस सूची में जोड़ा जाएगा या नहीं?'' उन्होंने आरोप लगाया, ''अगर कोई मुसलमान सब्जियां बेचता है, तो उसे तालिबानी कहा जाता है। टीवी चैनलों पर भाजपा के लोग कहते हैं कि उनके राजनीतिक विरोधी, चाहे वे मुस्लिम हों या नहीं, तालिबानी मानसिकता रखते हैं।'' उन्होंने बताया कि भारत संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति का अध्यक्ष है।
ओवैसी ने कहा, ''हम मोदी सरकार से पूछ रहे हैं। साफ-साफ बताइये। आप तालिबान को आतंकवादी संगठन मानते हैं या नहीं? यदि आप उन्हें आतंकवादी नहीं मानते हैं तो भारत के संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति का अध्यक्ष होने के नाते क्या आप तालिबान के शीर्ष 100 नेताओं, हक्कानी नेताओं को आतंकवादियों की सूची से हटा देंगे? यदि आप उन्हें आतंकवादी मानते हैं तो क्या आप उन्हें आतंकवादियों की सूची में डालेंगे?''
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