नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनावों के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। चुनाव आयोग ने बुधवार को पांचों राज्यों के चुनाव आयुक्तों के साथ बुधवार को निर्वाचन सदन में बैठक की और चुनाव के लिए एडवांस योजना तैयार करने के लिए चर्चा की। बैठक का मुख्य तौर पर मतदाताओं के पंजीकरण की प्रक्रिया, वोटिंग मशीनों का प्रबंधन, वरिष्ठ नागरिकों के लिए वोटिंग की सुविधा तथा कोरोना के मामले बढ़ने की स्थिति में मतदान कराने जैसे मुद्दों पर बात हुई।
इन पाचों राज्यों में अगले साल फरवरी और मार्च में चुनाव होने हैं और चुनाव आयोग दिसंबर तक पाचों राज्यों के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है। पाचों राज्यों के विधानसभा चुनाव को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले का सेमिफाइनल समझा जा रहा है क्योंकि लगभग 100 लोकसभा सीटें इन पाचों राज्यों में है।
इन पाचों राज्यों में फिलहाल उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी या एनडीए गठबंधन की सरकार है और पंजाब में कांग्रेस पार्टी की सरकार है। इन पाचों राज्यों में उत्तर प्रदेश सबसे अहम राज्य हैं क्योंकि देश में सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला राज्य होने के साथ यहां पर सबसे ज्यादा विधानसभा सीटें और सबसे ज्यादा लोकसभा सीटें हैं और भारतीय राजनीति में ऐसा माना जाता है कि केंद्र सरकार बनने का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है।
2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को बंपर जीत मिली थी। 2017 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 39.67 प्रतिशत वोट मिले थे और पार्टी 312 सीटों पर जीत प्राप्त करने में कामयाब हुई थी। वहीं दूसरी तरफ 21.82 प्रतिशत वोट लेकर समाजवादी पार्टी 47 सीटें ही जीत सकी थी और 22.23 प्रतिशत वोटों के साथ बसपा सिर्फ 19 सीटें जीत पाई थी। कांग्रेस पार्टी ने 2017 में 114 सीटों पर चुनाव लड़ा था और पार्टी को 7 सीटों से संतोष करना पड़ा था। 2017 में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था।
ये भी पढ़ें
- तीन सौ से अधिक लोगों का अंतिम संस्कार करने वाला व्यक्ति कोरोना से जंग हारा
- कोरोना ने बरपाया कहर, अब तक जान गंवा चुके हैं 740 से ज्यादा डॉक्टर्स
- कोरोना मरीज के जाने के बाद 2 से 3 घंटे बाद तक भी हवा में रहता है वायरस, तीन सेंट्रल लैब ने चेताया
- सिलेब्रिटी, नेता कैसे खरीद रहे कोविड-19 रोधी दवाएं, बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को फटकारा