नई दिल्ली: राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के मुद्दे पर बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा कि यह पूरी कवायद लोगों में विभाजन पैदा करने के उद्देश्य से की जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसा हुआ तो इससे देश में रक्तपात होगा और गृहयुद्ध छिड़ जाएगा। उन्होंने कहा कि बीजेपी देश को बांटना चाहती है और यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
राजनीतिक मकसद से ऐसा किया जा रहा है
यहां कैथोलिक बिशप्स कांफ्रेंस ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए, ममता बनर्जी ने मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर कई हमले किए और इस पर न्यायपालिका में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) में वैध दस्तावेजों के साथ लोगों के नाम को शामिल नहीं किया गया और यह कार्य राजनीतिक मकसद से किया जा रहा है, जिसका विरोध किया जाएगा।
देश में रक्तपात, गृहयुद्ध होगा
ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर लोगों को बांटने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया। ममता ने कहा, "स्थिति को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। इससे देश में रक्तपात, गृहयुद्ध होगा।" एनआरसी के सोमवार (30 जुलाई) को जारी किए गए अंतिम मसौदा सूची में करीब 40 लाख से ज्यादा लोगों को बाहर कर दिया गया है।
यह ज्यादा खतरनाक है
ममता बनर्जी ने कहा, "क्या हो रहा है और क्या हो सकता है, यह ज्यादा खतरनाक है। सिर्फ चुनाव जीतने के लिए, सिर्फ लड़ाई जीतने के लिए लोगों को पीड़ित नहीं बनाया जा सकता। अब वे कहते हैं कि ये लोग वोट नहीं दे सकते हैं। अगर वे मतदान नहीं करते हैं तो आप नहीं सोचते हैं कि वे अपनी पहचान खो देंगे।"
मार्च 1971 तक जो भारत आया है वह भारतीय
उन्होंने कहा, "वे भोजन कहां से पाएंगे, वे स्कूल कैसे जाएंगे। वे कैसे रोजगार के लिए जाएंगे, कोई उन्हें इजाजत नहीं देगा। कोई उन्हें कार्यालय जाने की इजाजत नहीं देगा। वे कहां जाएंगे, उनके बच्चे कहां जाएंगे। हम उन्हें मरने नहीं देंगे। हम चाहते हैं कि वे जीएं।" तृणमूल कांग्रेस नेता ने कहा कि जो भी बांग्लादेश से मार्च 1971 तक भारत आया है, वह भारतीय नागरिक है। उन्होंने कहा कि इसमें बिहार, राजस्थान व तमिलनाडु के भी लोग हैं, जिनके नाम एनआरसी में नहीं हैं।
यह स्थिति जारी नहीं रह सकती
तृणमूल कांग्रेस के नेता ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के परिवार के एक सदस्य का नाम एनआरसी के अंतिम मसौदे में नहीं है। ममता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अहंकारी होने का आरोप लगाया। ममता ने कहा, "हम जानते हैं कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। लेकिन मैं सिर्फ कुछ सालों के लिए सत्ता में आया हूं और मैं हर चीज को तबाह कर दूंगा, यह नहीं हो सकता। यह अहंकारी होने जैसा है।" ममता ने कहा, "मैं दुखी मन से कह रही हूं कि यह स्थिति जारी नहीं रह सकती है। न्यायपालिका में आप जानते हैं कि वे कैसे हस्तक्षेप करते हैं। हर संस्थान में, आप निष्पक्षता से काम नहीं कर सकते।"
मेरे लिए सड़क बेहतर है
उन्होंने सेंट स्टीफेंस कॉलेज द्वारा अपने एक संबोधन को रद्द किए जाने का भी जिक्र किया और भाजपा पर हमला किया। ममता ने कहा, "मुझे नहीं पता कि आपको धमकी मिली है या नहीं..। मुझे नहीं पता। जहां भी मैं जा रही हूं, वे कार्यक्रम रद्द कर रहे हैं। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। क्योंकि वे सोचते हैं कि सम्मेलन कक्ष मेरे लिए पर्याप्त है। मेरे लिए सड़क बेहतर है। मैं सड़क पर जा सकती हूं और लोगों से मिल सकती हूं।"
NRC के नाम पर देश की जनता को गुमराह कर रहा है विपक्ष: अमित शाह
अमित शाह ने किया पलटवार
ममता बनर्जी के इस बयान पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने आपत्ति जताई और अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ममता बनर्जी और राहुल गांधी एनसीआर पर अपना रुख स्पष्ट करें। उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के लिए ममता बनर्जी देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रही हैं।