नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने दिल्ली के अधिकारियों पर राष्ट्रीय राजधानी के करीब 3 लाख राशन कार्डो को रद्द करने का दबाव डाला, जिस वजह से गरीब खाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। केजरीवाल ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है। इसमें राशन सूची से बाहर वाले लोगों के परिवारों को दिखाया गया है।
इस वीडियो में हरजीत कौर कह रही है कि कई मौकों पर घर में बच्चों को भूखा सोना पड़ता है, क्योंकि उनके घर में खाना नहीं होता है। हरजीत कौर दक्षिण दिल्ली के सावित्री नगर गांव में अपने परिवार के साथ बीते आठ साल से रह रही हैं। हरजीत ने कहा, "मैं कई महीनों से राशन ले रही थी, लेकिन जब से फिंगरप्रिंट स्कैनर सिस्टम आया है, मैं अपने हिस्से का राशन नहीं ले पा रही हूं। अब अचानक उन्होंने (केंद्र सरकार) एक नोटिस भेजा कि मेरा राशन कार्ड रद्द कर दिया गया है।"
केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा, "दिल्ली सरकार की कड़ी आपत्ति के बावजूद प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने अधिकारियों पर राशन कार्डो को रद्द करने के लिए दबाव डाला। अब देखिए गरीब किस तरह परेशान हो रहे हैं। पीएमओ को ऐसा नहीं करना चाहिए था।"
इससे पहले आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने केंद्र की भाजपा सरकार की दिल्ली में बड़े स्तर पर राशन वितरण प्रणाली में भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार अधिकारियों का बचाव करने को लेकर निंदा की थी।
याद रहे कि मुख्य सचिव अंशु प्रकाश को आधी रात को मुख्यमंत्री आवास पर राशन वितरण प्रणाली के मुद्दे पर बातचीत के लिए ही बुलाया गया था। उन्होंने पिटाई का आरोप लगाकर इस मुद्दे को दूसरा ही रूप दे दिया।