नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरूण जेटली ने राफेल डील को लेकर कांग्रेस के आरोपों का सीधा और सटीक जबाव दिया है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों को जानकारी का अभाव और उनकी नासमझी करार देते हुए कहा है कि उनके अहम को तुष्ट करने का सरकार के पास कोई उपाय नहीं है। जेटली ने कहा है कि राफेल डील को लेकर जो इल्जाम लगाए जा रहे हैं उसका मकसद सिर्फ और सिर्फ लोगों में भ्रम फैलाना है। हकीकत ये है कि मोदी सरकार ने राफेल की जो डील की है वो यूपीए के जमाने से सस्ती है लेकिन वो राहुल गांधी की बनावटी मासूमियत का कुछ नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा, ‘’कांग्रेस ने साबित कर दिया है कि विरासत वाली पार्टियों में ना समझने की बीमारी है। एक व्यक्ति अगर मासूम है और उसको जानकारियों का अभाव है, फिर सारी पार्टी को जानकारियों का अभाव हो जाता है। देश का दुर्भाग्य है कि किसी राजनैतिक दल, जो राष्ट्रीय स्तर का है, उसका राष्ट्रीय अध्यक्ष क्या तुलना करते हैं।‘’
उन्होंने आगे कहा, ‘’जो एयरक्राफ्ट की कीमत है वो 9 परसेंट सस्ती है और अगर वेपेनाइज टू वेपेनाइज कर लें तो 20 परसेंट सस्ती है। इसका कोई जवाब नहीं है। दूसरा, इस पूरे ट्रांजेक्शन में कोई प्राइवेट पार्टी की गुंजाइश ही नहीं है। 36 जहाज पूरे बने हुए स्थिति में वहां से बनेंगे और उड़ के आएंगे। हिंदुस्तान में इनका कुछ नहीं होना। इसमें किसी प्राइवेट पार्टी की कोई गुंजाइश नहीं लेकिन दोहराते जाओ...।‘’
अरुण जेटली ने ये भी कहा कि कांग्रेस की सोच गजब की है, वो विदेशी प्राइवेट पार्टीज़ से तो खरीद सकते हैं, उनसे रिश्वत भी ले सकते हैं लेकिन किसी इंडियन प्राइवेट पार्टी को इसमें शामिल नहीं कर सकते।