नयी दिल्ली: जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों की कार्रवाई का समर्थन करते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि आतंकवादियों को जिस तरह से जवाब देना चाहिए, उसी लहजे में सेना और सुरक्षा कर्मी जवाब दे रहे हैं और इसमें सफलता मिलेगी। शून्यकाल के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने जम्मू कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ अभियान के दौरान पत्थर फेंकने वाले युवाओं को प्रदेश के पुलिस प्रमुख की सलाह और प्रदेश के हालात का विषय उठाया। राजनाथ सिंह ने कहा कि सदन ही नहीं सारा देश जानता है कि जम्मू कश्मीर में जो स्थिति है, उसके लिए पाकिस्तान प्रायोजित घुसपैठ और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद जिम्मेदार है। वे जम्मू कश्मीर में ही नहीं बल्कि पूरे देश में दहशतगर्दी फैला रहे हैं।
उन्होंने कहा, ये आतंकवादी पूरे भारत को अस्थिर बनाने की कोशिश कर रहे हैं। गृह मंत्री ने कहा, आतंकवादियों को जिस तरह से जवाब देना चाहिए, उसी लहजे में सेना और सुरक्षा कर्मी जवाब दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक नया चलन जम्मू कश्मीर में हाल के दिनों में देखने को मिला है। जब सुरक्षाकर्मी कोई अभियान चलाते हैं तब पास के गांव से कुछ नौजवान उस स्थान पर जुट जाते हैं और सुरक्षाकर्मियों पर पत्थर फेंकने लगते हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि पत्थरबाजी करने वाले नौजवान गुमराह होकर इस तरह का कार्य कर रहे हैं। हमारी अपील है कि वे पाकिस्तान के बहकावे में गुमराह न हों। उन्होंने कहा कि सेना और सुरक्षाबलों के अभियान के दौरान भीड़ को जुटाने का कार्य पाकिस्तान से व्हाट्स एप्प और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया के इस्तेमाल से किया जा रहा है। यह पाकिस्तान से प्रायोजित हो रहा है।
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गृह मंत्री ने कहा कि हम एक बार फिर जोर देकर कहना चाहते हैं कि आतंकवाद से जैसे निपटना चाहिए, वैसे ही हमारे सुरक्षा बल निपटेंगे। हमें निश्चित रूप से इसमें सफलता मिलेगी। इससे पहले, इस विषय को उठाते हुए तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने कहा कि जम्मू कश्मीर में सेना और सुरक्षा बलों के अभियान के दौरान पत्थर फेंकने वाले युवाओं को प्रदेश के पुलिस प्रमुख ने कहा कि वे मुठभेड़ स्थल पर जमा न हों और पत्थर नहीं फेंके। यह आत्महत्या करने जैसा होगा। क्योंकि गोली यह नहीं देखती कि कौन आ रहा है। उन्होंने कहा कि हाल में राज्य में एक मुठभेड़ स्थल पर पत्थर फेंकने के दौरान 60 से अधिक सुरक्षा कर्मी घायल हो गए और पुलिस की गोली से तीन नागरिक मारे गए। राय ने कहा कि गृह मंत्री को इस विषय पर ध्यान देना चाहिए।