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जयंती पर जानें 'मिसाइल मैन' अब्दुल कलाम से जुड़ी कुछ रोचक बातें

भारत रत्न समेत कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किए गए कलाम ने 1998 में भारत द्वारा पोखरण में किए गए परमाणु हथियार परीक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। उस समय वाजपेयी सरकार केंद्र की कमान संभाल रही थी।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 15, 2019 8:38 IST
जयंती पर जानें 'मिसाइल मैन' अब्दुल कलाम से जुड़ी कुछ रोचक बातें- India TV Hindi
जयंती पर जानें 'मिसाइल मैन' अब्दुल कलाम से जुड़ी कुछ रोचक बातें

नई दिल्ली: भारत के 11वें राष्ट्रपति और 'मिसाइल मैन' के नाम से मशहूर भारत रत्न डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म दिवस 15 अक्टूबर को मनाया जाता है। डा. एपीजे अब्दुल कलाम बेहद साधारण पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखते थे तथा जमीन से जुड़े रहकर लोगों के दिलों में अपनी खास जगह बनायी थी। समाज के सभी वर्गो और विशेषकर युवाओं के बीच प्रेरणा स्रोत बने डा. कलाम ने राष्ट्राध्यक्ष रहते हुए राष्ट्रपति भवन के दरवाजे आम जन के लिए खोल दिए जहां बच्चे उनके विशेष अतिथि होते थे।

एक सच्चे मुसलमान और एक नाविक के बेटे एवुल पाकिर जैनुलाबद्दीन अब्दुल कलाम ने 18 जुलाई 2002 को देश के 11वें राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला था। देश के पहले कुंवारे राष्ट्रपति कलाम का हेयर स्टाइल अपने आप में अनोखा था और एक राष्ट्रपति की आम भारतीय की परिभाषा में फिट नहीं बैठता था लेकिन देश के वह सर्वाधिक सम्मानित व्यक्तियों में से एक थे जिन्होंने एक वैज्ञानिक और एक राष्ट्रपति के रूप में अपना अतुल्य योगदान देकर देश सेवा की।

अत्याधुनिक रक्षा तकनीक की भारत की चाह के पीछे एक मजबूत ताकत बनकर उसे साकार करने का श्रेय डा. कलाम को जाता है और देश के उपग्रह कार्यक्रम, निर्देशित और बैलेस्टिक मिसाइल परियोजना, परमाणु हथियार तथा हल्के लड़ाकू विमान परियोजना में उनके योगदान ने उनके नाम को हर भारतीय की जुबां पर ला दिया।

पन्द्रह अक्तूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में पैदा हुए कलाम ने मद्रास इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलोजी से स्नातक करने के बाद भौतिकी और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग का अध्ययन किया और फिर उसके बाद रक्षा शोध एवं विकास संगठन से जुड़ गए।

रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र में शोध पर ध्यान केंद्रित करने वाले डा. कलाम बाद में भारत के मिसाइल कार्यक्रम से जुड़ गए। बैलेस्टिक मिसाइल और प्रक्षेपण वाहन तकनीक में उनके योगदान ने उन्हें भारत के मिसाइल मैन का दर्जा प्रदान कर दिया।

भारत रत्न समेत कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किए गए कलाम ने 1998 में भारत द्वारा पोखरण में किए गए परमाणु हथियार परीक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। उस समय वाजपेयी सरकार केंद्र की कमान संभाल रही थी।

शाकाहारी कलाम के हवाले से एक बार कहा गया था कि उन्होंने भारत में कई तकनीकी पहलुओं को आगे बढ़ाया और उसी प्रकार वह खुद भी मेड इन इंडिया थे जिन्होंने कभी विदेशी प्रशिक्षण हासिल नहीं किया।

कलाम ने के आर नारायणन से राष्ट्रपति पद की कमान संभाली थी और वह 2002 से 2007 तक देश के सर्वाधिक लोकप्रिय राष्ट्रपति रहे। राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में उनका मुकाबला भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की क्रांतिकारी नेता लक्ष्मी सहगल के साथ था और वह इस एकपक्षीय मुकाबले में विजयी रहे। उन्हें राष्ट्रपति पद के चुनाव में सभी राजनीतिक दलों का समर्थन हासिल हुआ था।

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