अमरावती: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी और पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने गुरुवार को आंध्र प्रदेश असेंबली में प्रश्नकाल के दौरान एक-दूसरे की जमकर आलोचना की। इसी दौरान कुछ ऐसा हुआ कि विधानसभा में हंगामे की स्थिति पैदा हो गई। किसानों की ऋण माफी से जुड़े जगन के एक आंकड़े को फर्जी बताते हुए चंद्रबाबू की तेलुगूदेशम पार्टी ने प्रिविलेज मोशन दिया था। जगन जैसे ही इस नोटिस का जवाब देने लगे, टीडीपी विधयकों ने भाषण के बीच में व्यवधान डालना शुरू कर दिया।
चंद्रबाबू ने जगन को किया चैलेंज, पूछा- इस्तीफा देंगे?
विधानसभा में किसानों के कर्जे के मुद्दे पर जगन के आरोपों को चंद्रबाबू ने फर्जी करार दिया। इसी के साथ उन्होंने पूछा कि टीडीपी पर लगाए गए जगन के आरोप यदि गलत साबित होते हैं तो क्या जगन इस्तीफा देंगे? आपको बता दें कि जगन ने सदन में एक स्क्रीन पर ऋण माफी को लेकर 2014 के चुनाव के दौरान टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू द्वारा दिए गए आश्वासन को दिखाकर कहा था कि पिछली सरकार को बीज के लिए 384 करोड़ रुपये देने चाहिए थे, लेकिन उसने नहीं दिए। साथ ही उन्होंने विभिन्न आंकड़ों के जरिए टीडीपी सरकार पर किसानों को धोखा देने के आरोप लगाए।
ब्याज मुक्त ऋण योजना पर हुआ हंगामा
आपको बता दें कि ब्याज मुक्त ऋण योजना पर TDP ने मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रिविलेज मोशन नोटिस दिया था। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा कि ब्याज मुक्त ऋण योजना का जवाब देने की बजाय सदन को गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि टीडीपी की ब्याज मुक्त ऋण योजना को लेकर हमारे पास पक्के सबूत मौजूद हैं और हम इसपर जवाब देने के लिए हम तैयार है। इसके बाद सदन में जमकर हंगामा होने लगा और TDP नेता जगन के भाषण के दौरान व्यवधान पैदा करने लगे।
चंद्रबाबू की सरकार पर जमकर बरसे जगन
जगन ने चंद्रबाबू की सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछली सरकार ने किसानों की 2,300 करोड़ की इनपुट सब्सिडी का भुगतान नहीं किया था। उन्होंने कहा कि पिछली खरीफ में सूखे से निपटने के केंद्र सरकार के 900 करोड़ रुपए देने के बावजूद किसानों को कुछ नहीं दिया गया। साथ ही उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने 87 हजार करोड़ के ऋण माफ करने का आश्वासन देकर सत्ता में आते ही यह राशि घटाकर 24 हजार करोड़ कर दी। इस दौरान सदन में समय-समय पर हंगामा होता रहा।
जगन सरकार ने किसानों के लिए शुरू की कई योजनाएं
जगन ने सदन में बताया कि किसानों के लिए 2 हजार करोड़ से आपदा राहत कोष गठित किया गया है। आंध्र प्रदेश में 62 फीसदी किसान होने का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि सालाना हर किसान परिवार को 12,500 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। साथ ही जगन ने कहा कि पिछले 5 वर्षों में आत्महत्या कर चुके किसानों के परिवारों को 7 लाख रुपये का मुआवजा देने के अलावा 15 अक्टूबर से रैतु भरोसा योजना पर अमल किया जाएगा।