नई दिल्ली. कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर है। वो केंद्र सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठा रहे हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को एक के बाद एक कई ट्वीट कर उनपर पलटवार किया था। राहुल गांधी को विदेशमंत्री के जवाब के बाद कांग्रेस की तरफ से कमान संभाली है पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने। आनंद शर्मा ने रविवार को twitter के जरिए विदेश मंत्री पर हमला बोला।
आनंद शर्मा ने विदेश मंत्री एस जयशंकर पर निशाना साधते हुए रविवार को कहा कि वह विदेश नीति में ''नाकामियों'' की बात को झुठला नहीं सकते और उन्हें इसका जवाब देना चाहिये। जयशंकर ने एक दिन पहले भारत की विदेश नीति का बचाव किया था, जिस पर कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता शर्मा ने कहा कि सामरिक साझेदारों के साथ संबंधों में गंभीरता की जरूरत होती है और इन्हें महत्वहीन तथा दिखावा बनाकर नहीं छोड़ा जा सकता।
उन्होंने बालाकोट और उरी जवाबी हमलों का जिक्र करने पर भी विदेश मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें देश के सशस्त्र बलों का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिये और न ही उन पर एकाधिकार जताना चाहिये? शर्मा ने कहा, ''दिशाहीन विदेश नीति का विदेश मंत्री द्वारा बचाव किये जाने पर हंसी आ रही है। वाकपटुता और ट्वीट से जमीनी हकीकत नहीं बदल सकती। पहले पड़ोसी भारत की विदेश नीति की प्राथमिकता रही है, लेकिन अफसोस कि अभिमानपूर्ण रवैये ने इसे महत्वहीन कर दिया है।''
पूर्व केन्द्रीय मंत्री शर्मा ने कहा कि भारत और नेपाल के बीच विश्वास, मित्रता और परस्पर सम्मान पर आधारित ऐतिहासिक संबंध रहे हैं। उन्होंने कहा, ''मौजूदा मतभेद और तनाव राष्ट्रीय चिंता का विषय है।'' शर्मा ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ''विदेश मंत्री नाकामियों की बात को झुठला नहीं सकते और उन्हें इसका जवाब देना चाहिये।''
उन्होंने ट्वीट किया, ''विदेश नीति में गंभीरता और गहराई होनी चाहिये। सामरिक साझेदारों के साथ संबंधों में गंभीरता की जरूरत होती है और इन्हें महत्वहीन और दिखावा बनाकर नहीं छोड़ना चाहिये। आप अपने विचारों से भ्रम पैदा कर सकते हैं, लेकिन इतिहास में आपको परिणामों से आंका जाएगा।''
इससे पहले, जयशंकर ने सरकार की विदेशी नीति की आलोचना के लिये कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए शुक्रवार को कहा था कि मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान अमेरिका, यूरोप सहित प्रमुख ताकतों के साथ हमारा महत्वपूर्ण गठजोड़ मजबूत हुआ है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कद बढ़ा है। उन्होंने कहा कि चीन के साथ हम राजनीतिक रूप से अधिक बराबरी के स्तर पर बात करते हैं।
With inputs from Bhasha